महालक्ष्मी व्रत के दिन नहाने के बाद तुलसीजी की पूजा करें. तुलसी के पौधे पर जल व दूध चढ़ाएं। तुलसी का सेवन भी करें।इस व्रत में दान जरूर करना चाहिए। पानी से भरा घड़ा, नारियल, दही चावल, वस्त्र और मिठाई आदि दान करें। सुबह जल्दी उठकर भगवान सूर्य को दूध, गुड़, लाल चंदन डालकर जल चढ़ाएं। माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा मनोयोग से करनेवालों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लक्ष्मी-नारायण आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं और धन, सुख शान्ति व राज योग का आशीर्वाद भी प्रदान करते हैं।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी इस खास व्रत से बहुत प्रसन्न होती हैं।स्नान के बाद नए या स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर गुलाब का फूल रख दें। फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। लाल सिंदूर लगाकर, नैवेद्य चढ़ाकर, धूप दीप से पूजा करें। सरल मंत्र – ऊं नमो भगवते वासुदेवाय -ऊं महालक्ष्म्यै नम: का जाप करें। जाप के बाद गुलाब लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रख दें।
श्रीसूक्त का पाठ देगा फल
इस दिन 16 की संख्या का बहुत महत्व है। पंडित जनार्दन शुक्ला बताते हैं कि लक्ष्मीपूजन में उन्हें 16 बिल्व पत्र चढ़ाएं और 16 कमलगट्टा अर्पिक करें। फिर श्रीसूक्त की शुरुआती 16 ऋचाओं का पाठ करें। श्रीसूक्त का पाठ धनदायक होता है। पूर्ण श्रद्धा से यह पाठ करने से आय बढ़ती है, कारोबार-कामकाज में वृद्धि होती है। हो सके तो रोज यह पाठ करें. जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होगी।