जबलपुर

छह जोन में बांटकर संवारी जाएगी मदन महल पहाड़ी

दुनिया के सबसे छोटे किले और विशालकाय शिलाओं के अद्भुत संतुलन के लिए अलग पहचान रखने वाली शहर की मदन महल पहाड़ी को छह जोन में बांटकर संवारा जाएगा। पहाड़ी को पर्यटन स्थल बनाने के साथ ही शहर की बढ़ती आबादी के मद्देनजर आवश्यक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक उद्यान का स्वरूप भी दिया जाएगा।

जबलपुरAug 05, 2019 / 01:34 am

praveen chaturvedi

Madan Mahal Hills

जबलपुर। दुनिया के सबसे छोटे किले और विशालकाय शिलाओं के अद्भुत संतुलन के लिए अलग पहचान रखने वाली शहर की मदन महल पहाड़ी को छह जोन में बांटकर संवारा जाएगा। पहाड़ी को पर्यटन स्थल बनाने के साथ ही शहर की बढ़ती आबादी के मद्देनजर आवश्यक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक उद्यान का स्वरूप भी दिया जाएगा। रानी दुर्गावती के शौर्य की निशानी समेटे पहाड़ी ऐतिहासिक महत्व रखती है। यहां पर कई वनस्पतियां और औषधियां भी मौजूद हैं। स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से तैयार किए गए मदन महल पहाड़ी के विकास के खाका में इन सभी बिंदुओं का ध्यान रखा गया है।

पहाड़ी पर स्थित किला, घोड़ों के अस्तबल और ऐतिहासिक महत्व के अन्य स्थलों को हिस्टोरिक जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। धर्म और आध्यात्मिक महत्व से जुड़े प्राचीन शारदा मंदिर सहित आस-पास का क्षेत्र स्प्रिचुअल जोन के तौर पर विकसित होगा। पर्यटकों और शहरवासियों के मनोरंजन के लिए कल्चरल एंड रिक्रिएशनल जोन बनाए जाएंगे। जैव विविधता से जुड़े पहाड़ी के अलग-अलग क्षेत्रों का इकोलॉजिकल सेंक्चुरी जोन के रूप में विकास होगा। जोनवार विकास होने से पहाड़ी के हरित क्षेत्र में मोर, चीतल, खरगोश आदि वन्यजीवों की संख्या बढ़ेगी। वर्तमान में पहाड़ी के पहुंच मार्ग व्यवस्थित नहीं हैं। इससे शहरवासियों और पर्यटकों को पहाड़ी पर पहुंचने में परेशानी होती है। योजना के तहत पहाड़ी पर कई पहुंच मार्ग भी विकसित किए जाएंगे।

जल प्रबंधन पर भी होगा फोकस
मदन महल पहाड़ी पर स्थित तालाबों और वर्षा जल को सहेजने के लिए जल प्रबंधन पर भी फोकस किया जाएगा, जिससे भूगर्भ में पानी पहुंंचाया जा सके और पहाड़ी पर रोपे जा रहे पौधों को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके।

इन जोन में बांटा गया
– हिस्टोरिकल जोन
– स्प्रिचुअल जोन
– कल्चरल एंड रिक्रिएशनल जोन
– इकोलॉजिकल सेंक्चुरी जोन
– फे सिलिटेशन और लिंकेज जोन
– वाटर जोन

जोनवार होगा विकास
निगमायुक्त आशीष कुमार ने बताया कि मदन महल पहाड़ी को अलग-अलग स्थलों के धार्मिक, ऐतिहासिक व इकोलॉजिकल महत्व को ध्यान में रखते हुए जोनवार विकसित किया जाएगा, जिससे शहरवासियों को प्राकृतिक उद्यान के रूप में व्यवस्थित स्थल उपलब्ध हो सके। पहाड़ी को पर्यटन स्थल का स्वरूप भी दिया जाएगा।

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