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जबलपुर

मदनमहल पहाड़ी के टूटेंगे मकान, नेताओं को राजनीति पड़ेगी महंगी

हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश
 

जबलपुरAug 12, 2021 / 09:45 am

Lalit kostha

madan mahal hills

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जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने इस बात को लेकर जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई कि हाईकोर्ट के आदेश से अतिक्रमणमुक्त की गई मदनमहल पहाड़ी पर दोबारा कब्जे कैसे हो गए। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने प्रशासन को दोबारा हुए अतिक्रमणों के खिलाफ तत्काल कारवाई के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 2 सितम्बर नियत की गई।

राजनीतिक दखल पर न दें ध्यान
किशोरीलाल भलावी , नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच व अन्य की ओर से मदन महल पहाड़ी सहित अन्य पहाडिय़ों के अतिक्रमणों व अवैध निर्माणों को हटाए जाने की मांग करते हुए दायर जनहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की जा रही है। पूर्व में हाईकोर्ट के समय-समय पर जारी विभिन्न दिशानिर्देशों के चलते ही पहाडिय़ों से अतिक्रमण व अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं। कोर्ट ने पहाडिय़ों को कब्जों से मुक्त करने की कार्रवाई में किसी तरह का राजनीतिक या अन्य तरह का प्रभाव बर्दाश्त न करने की चेतावनी भी दी थी।

इस केस पर रोक नहीं
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अतिक्रमण तोडऩे पर कोविड 19 के कारण अगस्त तक जो रोक लगाई गई है, वो इस केस पर लागू नहीं है। क्योंकि इसमें न्यायालय के आदेश का ही पालन हो रहा है। इस बारे में कलेक्टर को निर्देश दिए गए कि कोविड मामले में दिए आदेश के संशोधन के लिए आवेदन प्रस्तुत करें। नागरिक उपभोक्ता मंच की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने कोर्ट को बताया कि राजस्व अधिकारियों की उदासिनता और मिलीभगत से सूपाताल और मदन महल की पहाड़ी पर दोबारा अतिक्रमण किया जा रहा है।

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