नामांकन के लिए लाई गई सिक्कों से भरी पोटली देखकर निर्वाचन के अधिकारी-कर्मचारी हैरान रह गए। इसके बाद नामांकन से पहले शुल्क की रकम गिनने के लिए कई कर्मचारियों को लगाया गया। सिक्कों की पोटली लेकर पहुंचे प्रत्याशी की पहचान विनय चक्रवर्ती के रूप में हुई है।
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मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। ऐसे में चुनावी रण में उतरने वाले उम्मीदवारों ने नामांकन फार्म भरने शुरु भी कर दिए हैं। ऐसे में बुधवार को विनय चक्रवर्ती नाम के एक निर्दलीय प्रत्याशी पीले रंग की पोटली कंदे पर लेकर जबलपुर निर्वाचन कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने नामांकन फॉर्म भरने के लिए ऑनलाइन पेमेंट करना चाहा। लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने ऑनलाइन पैसा लेने से इनकार कर दिया। इसपर विनय सिक्कों से भरीपोटली लेकर आए और उसे अधिकारियों की टेबल पर रख दिया। अधिकारियों ने जब उस पोटली पर सवाल किया तो उम्मीदवार ने बताया कि पोटली में नामांकन का शुल्क 25 हजार के सिक्के हैं। कई कर्मचारी पैसे गिनने लगे जिसके बाद उम्मीदवार को नामांकन फॉर्म दिया गया।
आपको बता दें कि बुधवार से ही लोकसभा चुनाव की नामांकन फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरु हुई है। ऐसे में प्रदेशभर में लगभग 3 नामांकन ही भरे गए हैं। इनमें से एक जबलपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी विनय चक्रवर्ती भी हैं। खास बात ये है कि विनय पहले दिन नामांकन करके जबलपुर सीट से प्रत्याशी बने हैं। वह बुधवार को अपने साथियों के साथ निर्वाचन कार्यालय करीब 10 हजार रुपए कैश लेकर पहुंचे थे। वो अधिकारियों को बचे हुए पैसे ऑनलाइन लेने को कह रहे थे। लेकिन अधिकारियों ने डिजिटल पेमेंट लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद वह सिक्के वाली पोटली अधिकारियों को दिए जिसमें 25 हजार रुपए थे।
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जानकारी के मुताबिक, करीब आधे घंटे तक कर्मचारी सिक्के गिनते रहे जिसके बाद उन्होंने बताया कि इसमें 350 रुपए कम हैं। इसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी और उनके साथियों ने दोबारा पैसे गिने। पैसे पूरे होने पर अधिकारियों ने उन्हें नामांकन फॉर्म दिया।
जबलपुर के यादव कालोनी में रहने वाले 35 वर्षीय विनय चक्रवर्ती पेशे से बिल्डर हैं। वो आगामी चुनाव में निर्दलीय उतरे हैं। चुनाव को लेकर उनका कहना है कि बड़ी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों जैसा पैसा तो उनके पास नहीं, लेकिन साथियों ने जो पैसे इकट्ठा करके दिया है, उसके ही दम पर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। निर्दलीय चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि सालों से देश में भाजपा-कांग्रेस की सरकार राज कर रही है पर विकास अभी भी अछूता है, लिहाजा हर गरीब तक मदद पहुंचे इस उद्देश्य को लेकर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी की है।