उनका कहना था कि भाजपा अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए सेना की आड़ ले रही है। चुनाव में क्या मुद्दे होना चाहिए। नौजवानों के लिए क्या एजेंडा बनाया है इस पर कोई चर्चा नहीं की जाती। धर्म की आड़ में चुनाव लड़ा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि 5 साल पहले भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में आई। लेकिन अब भाजपा के नेता लोकसभा चुनाव में रिपोर्ट कार्ड दिखाने में हिचकिचा रहे हैं। इसकी वजह है कि जो वादे किए थे वह पूरे नहीं किए। ऐसा कोई एक वादा नहीं है जिसे पूरा किया गया हो। इसमें काला धन की बात की गई थी। किसानों की आमदनी दुगनी करने की बात की गई थी। आतंकवाद का सफाया और महंगाई पर नियंत्रण की बात की गई थी। मेक इन इंडिया डिजिटल इंडिया के नारे दिए गए। लेकिन इस से किसे फायदा हुआ कोई नहीं बता सकता।

उनका कहना था कि 48 साल में पहला मौका है जब इतनी बेरोजगारी छाई हुई है। किसान देश भर में आत्महत्या कर रहे हैं। इस पर भाजपा के नेताओं से सवाल पूछा तो उसे राष्ट्र विरोधी करार दिया जाता हैं। देशद्रोही बताने लगते हैं और पाकिस्तान चले जाने की बात करते हैं। यह भाजपा की छटपटाहट है ।
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पायलट ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं ना कि भाजपा के कार्यकर्ता और प्रचारक। उन्हें 5 साल में किए गए कार्यों को बताना चाहिए। ना कि मनमोहन सिंह सोनिया गांधी राहुल गांधी की आलोचना करें। उनका कहना था कि आज समय उद्योग युवाओं को नौकरी शिक्षा निवेश पर बात करने का है लेकिन भाजपा ने सिर्फ हिंदू मुसलमान पाकिस्तान पर बात करके चर्चा का दायरा छोटा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार आई है और कुछ ही दिनों में जो वादे सरकार ने किए थे उन्हें पूरा किया है। यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी विवेक तंखा ने एक दृष्टिकोण जबलपुर को लेकर बनाया है। इसमें युवाओं को रोजगार से लेकर नगर निगम की व्यवस्था यातायात व्यवस्था इन तमाम चीजों को समाहित किया गया है।
जिस तरह देश में बदलाव की लहर है उसी तरह जबलपुर में भी बदलाव होगा। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा के जो पूल बना है उसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा। इसी तरह राहुल गांधी जी ने गरीबों को ₹72000 सालाना देने की बात कही है यह जुमला नहीं बल्कि हकीकत साबित होगा। उनका कहना था कि नरेगा का भाजपा ने हमेशा मजाक उड़ाया लेकिन अपने 5 साल के कार्यकाल में वह से खत्म करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव लोकतंत्र और गणतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का चुनाव साबित होगा। जिस तरह केंद्र सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं का मजाक उड़ाया है। उन का दुरुपयोग किया ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

भाजपा में भी यदि पार्टी के खिलाफ कोई आवाज उठाता है तो उसकी आवाज को कुचल दिया जाता है। ईवीएम के मुद्दे पर उनका कहना था कि इसमें यदि किसी राजनीतिक दल संस्था या व्यक्ति को किसी प्रकार की आशंका है तो निर्वाचन आयोग को उसकी आशंकाओं को दूर करना चाहिए यह उसकी जिम्मेदारी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी जाति और धर्म के आधार पर चुनाव लड़ना चाहती है। सेना को भी इसमें शामिल किया है। जबकि सैनिक किसी दल जाति धर्म का नहीं होता वह तो देश की सुरक्षा में तैनात रहता है। हमें उसका सम्मान करना चाहिए। क्योंकि वह 120 करोड़ देशवासियों की रक्षा करते हैं और वह मान सम्मान के प्रतीक है। समूचा भारत उनके प्रति कृतज्ञ है। खुद सुप्रीम कोर्ट और इलेक्शन कमीशन ने भी सेना को चुनाव मे मुद्दा नहीं बनाने की हिदायत दी है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपनी नाकामी को छुपाने के लिए सेना की आड़ ले रही है।
उनका कहना था कि कांग्रेस सरकार ने जो घोषणा पत्र जारी किया उसमें शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर दिया है। ज़ीडी पी का 6 फ़ीसदी इसमें खर्च किया जाएगा ।वहीं मोदी सरकार मैं सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों को शामिल ही नहीं किया जाता है। मैंने कहा कि कांग्रेस और समूचे विपक्ष और दूसरे राजनीतिक दलों का यही सोचना है कि लोकतंत्र को बचाना है तो भाजपा को सत्ता में आने इसे रोका जाना चाहिए। उनका कहना था कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेसी ऐसी पार्टी है जो भाजपा को चुनौती दे सकती है क्षेत्रीय दलों की भी अपनी भूमिका है।