जबलपुर

कृष्ण भक्ति में ठंड हो रही बेअसर, 4 बजे सुबह से ही घाटों पर पहुंच रहीं गोपियां- watch video

कार्तिक माह व्रत अंतिम चरणों में, व्रतधारी महिलाएं रमी श्री हरि की भक्ति में

जबलपुरNov 04, 2022 / 01:12 pm

Lalit kostha

kartik vrat puja vidhi

जबलपुर। एक माह तक निर्जला या फलाहार के साथ कठिन व्रत। उस पर सुबह 4 बजे उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा की डलिया तैयार करना। बाहर कोहरे और ठंडी हवाओं को अनदेखा करते हुए नंगे पैर कार्तिक घाट तक पहुंचना और फिर लड्डू गोपाल की सेवा में मग्र हो जाना। कुछ ऐसी ही दिनचर्या इन दिनों कार्तिक व्रतधारी गोपियों की है। जो कठिन व्रत के नियमों के साथ स्वयं की सेहत और परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा कर रही हैं।

 

अंधेरे में ही पहुंचने लगती हैं गोपियां
कार्तिक व्रतधारी महिलाएं हनुमानताल, सीता सरोवर शांतिनगर, ग्वारीघाट, लम्हेटाघाट, सरस्वती घाट, तिलवाराघाट, अधारताल तालाब, गोकलपुर तालाब किनारे बने कार्तिक पूजन घाटों पर सुबह 4 बजे से अंधेरे में ही पहुंचना शुरू हो जाती है। ग्वारीघाट में सबसे ज्यादा सखियों की संख्या पहुंच रही है। व्रतधारी शारदा कोष्टा, नीलिमा सिंह, अंजना पांडे ने बताया वे ग्वारीघाट से करीब 10 से 12 किमी दूर रहती हैं, लेकिन रोज सुबह 4 बजे ही घर से निकल आती हैं। जबकि ठंड इस दौरान अधिक होती है, लेकिन नर्मदा तट पहुंचने के बाद पूजन में ध्यान लगाते ही सबकुछ भूल जाती हैं।

 

ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला के अनुसार कार्तिक माह में व्रत पूजन करने से परिवार में सुख समृद्धि का आगमन होता है। कार्तिक माह का शुक्ल शुक्ल पक्ष श्रीराधा-कृष्ण को बहुत प्रिय होता है। कुछ महिलाएं पूरे महीने निर्जला व्रत रखती हैं, जो केवल शाम को ही जल ग्रहण करती हैं, वहीं कुछ व्रतधारी फलाहार के साथ व्रत पूजन करती हैं। कार्तिक पूर्णिमा को व्रत का विधिवत पारायण होगा।

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