आइएमए का समर्थन, हड़ताल की घुडक़ी
सरकार के सख्त तेवर के बीच जूनियर डॉक्टर के समर्थन में आइएमए भी उतार आया है। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन पहले ही जूडॉ की मांगों पर समर्थन दे चुका है। बुधवार को आइएमए की सभी विंग की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया। हड़ताली जूडॉ पर जिला प्रशासन की ओर से गई अनावश्यक ज्यादती और बलपूर्वक कार्रवाई के प्रयास की निंदा की गई। कोरोना काल में दो वर्ष से अस्पताल में लगातार काम कर रहे जूनियर डॉक्टरों की न्यायोचित लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की। जूडॉ के विरुद्ध दमनात्मक कार्रवाई कार्रवाई तुरंत बंद नहीं करने पर आइएमए से सभी सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होने की बात कही है।
चिकित्सा मंत्री पूरा नहीं कर रहे वादा
एनएससीबीएमसी जूडॉ अध्यक्ष डॉ. पंकज सिंह के अनुसार 6 मई को हड़ताल की चेतावनी के समय चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने स्टायपेंड में वृद्धि, सुरक्षा, उपचार के लिए बिस्तर रिजर्व करने, रुरल बांड में संशोधन संबंधी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। तब संक्रमण पीक पर था। जूडॉ अपनी जान जोखिम में डालकर कोविड ड्यूटी कर रहे थे। लेकिन अब संक्रमण कम हो गया तो मंत्री और अधिकारी अपने वादे से मुकर रहे हैं। जब तक मांगे पूरी होने के आधिकारिक आदेश जारी नहीं होते हड़ताल जारी रहेगी।