script janmastmi: हीरों से जड़ी मुरली बजाते हैं ये श्रीकृष्ण भगवान | janmastmi: jugal kishor temple panna | Patrika News
जबलपुर

 janmastmi: हीरों से जड़ी मुरली बजाते हैं ये श्रीकृष्ण भगवान

123 साल पुराना है पन्ना का जुगल किशोर मंदिर, बुंदेलखंड के कृष्ण भक्तों का वृंदावन तीर्थ 

जबलपुरAug 24, 2016 / 05:05 pm

Ajay Khare

jugal kishor, yugal kishor, temple, panna,radha kr

jugal kishor panna

अजय खरे@ पन्ना का जुगल किशोर मंदिर संपूर्ण देश में अनूठा है। यहां राधा कृष्ण की जोड़ी के अनुपम दर्शन होते हैं। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण की मुरलिया में बेशकीमती हीरे जड़े गए थे। जिसको लेकर सैकड़ों साल से यह भजन गाया जाया रहा है… पन्ना के जुगल किशोर मुरलिया में हीरा जड़े…। मन्दिर का निर्माण 1813 में तत्कालीन पन्ना नरेश हिन्दूपत द्वारा कराया गया था। कहा जाता है कि राधा कृष्ण की यह जोड़ी ओरछा से यहां आई थी। समूचे बुंदलेखंड में यह मंदिर कृष्ण भक्तों की आस्था का केंद्र है। इसे बुंदेलखंड के वृंदावन की संज्ञा दी जाती है। यहां जन्माष्टमी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।

jugal kishor
 
ओरछा से आए थे जुगल किशोर
यहां विराजमान श्रीराधा कृष्ण की जोड़ी को ही जुगल किशोर या युगल किशोर कहा जाता है। एक जनश्रुति के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण पहले ओरछा राज्य में निवास करते थे और बाद में यहां विराजमान हुए। जनश्रुति के अनुसार ओरछा राज्य के राजा मधुकरशाह और उनकी प्रजा श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थी। भगवान जुगल किशोर वहां के राजा के गुरु पंडित हरिराम व्यास के भक्तिबंधन में बंधकर वृंदावन छोड़कर ओरछा आए थे। कृष्ण भक्ति में राजा और प्रजा इस कदर डूबी कि राजदरबार में रासलीला का आयोजन होने लगा। कहा जाता है कि महारानी कुंवर गनेशी को राजा का इस रूप से भक्तिभाव में डूबना रास नहीं आया वे राज्य की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हो उठीं। 

jugal kishor



तब ओरछा से पन्ना आए जुगल किशोर
महारानी भगवान श्रीराम की भक्त थीं। भक्ति के तौर तरीकों और अपने आराध्य को लेकर महाराज और महारानी में ठन गई और महारानी कुंवर गनेशी ने यह प्रतिज्ञा की कि वे अपने आराध्य रामराजा को लेकर ही ओरछा वापस आएंगी, पर साथ ही यह विशेष शर्त भी तय हुई कि तब राज्य में एक ही राजा की सरकार रहेगी अर्थात रामाराजा सरकार या श्री जुगल किशोर सरकार। महाराज ने इसे स्वयं की सरकार या रामराजा की सरकार के अर्थ में लिया। जब महारानी भगवान श्रीराम को अयोध्या से ओरछा लेकर आईं तो महाराज ने नए राजा को राज्य सौंपने के लिये अपनी राजधानी टीकमगढ़ स्थानांतरित कर दी पर असल शर्त तो आराध्य देव रूपी राजा को लेकर थी। जिस पर जुगल किशोर सरकार को उनकी प्रेरणा से गोविंद दीक्षित कालांतर में पन्ना ले आए। यहां आने पर उन्हें विंध्यवासिनी मंदिर में अस्थाई रूप से रहना पड़ा और फिर स्थाई रूप से जहां विराजे, उसे आज जुगल किशोर मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर भवन निर्माण की बुंदेली छाप लिए उत्तर मध्यकालीन वास्तुशिल्प के अनुरूप निर्मित है।

प्रत्येक अमावस्या पर विशेष दर्शन
समुचे बुन्देलखण्ड के वासियों के लिए भगवान युगल किशोर का पवित्र मंदिर आस्था का केन्द्र है। प्रत्येक अमावस्या के दिन समूचे बुन्देलखण्ड से श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने आते है। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या के दिन यहां जुगल किशोर सरकार से मांगने पर हर मनोकामना पूरी होती है। यह भी जनमान्यता है कि चारों धाम की यात्रा की हो या किसी भी तीर्थ स्थल की यात्रा लौटकर यहां हाजिरी न दी तो सब निष्फल होता है। 

Hindi News / Jabalpur /  janmastmi: हीरों से जड़ी मुरली बजाते हैं ये श्रीकृष्ण भगवान

ट्रेंडिंग वीडियो