स्वास्थय विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यह बुखार बेहद खतरनाक है जो सीधे बच्चों के मस्तिष्क पर असर करता है। अगर इस बीमारी की प्राथमिक रोकथाम नहीं की गई तो मरीज कोमा में जा सकता है और मरीज की मौत हो सकती है।
ICMR से पॉजिटिव आई रिर्पोट
जबलपुर में जापानी बुखार ने दस्तक दी है। जांच के लिए सैंपल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद भेजे गए थे। जहां से 2बच्चों की रिर्पोट पॉजिटिव आई। जिसके बाद जिले की स्वास्थ्य विभाग टीम अलर्ट पर है।क्या है जापानी बुखार
जापानी इंसेफेलाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से फैलती है। यह मच्छर फ्लेविवायरस संक्रमित होते है। यह संक्रामक बुखार नहीं है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। विशेषज्ञों की मानें तो जापान इंसेफेलाइटिस पूर्वांचल भारत में अधिक होता है। इस बुखार के लक्षण मच्छर के काटने के 5 से 15 दिन में दिखाई देते हैं।रोकथाम के उपाय
-मच्छरदानी का उपयोग करें-शाम के समय घरों के दरवाजें और खिड़कियां बंद रखें।
-पानी के टैंकर कंटेनर को ढक कर रखें।
-अधिक बुखार ,बदन दर्द सहित अन्य लक्षण दिखनें पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।