भूजलविदों के अनुसार एक हजार वर्ग फीट के छत वाले एक भवन में जल संवर्धन इकाई विकसित कर पूरे मानसून सीजन (चार माह या 120 दिन) में एक लाख लीटर पानी भूगर्भ में पहुंचाया जा सकता है।
यानी एक दिन में लगभग 833 लीटर वर्षा जल सुरक्षित किया जा सकता है। इस हिसाब से नगर के ढाई लाख से ज्यादा भवनों के छतों का औसत क्षेत्रफल एक हजार वर्ग फीट मान लिया जाए तो अब तक इन छतों से साढ़े तीन अरब लीटर से ज्यादा पानी बह गया।
भू-जल संवर्धन इकाई विकसित कर एक हजार वर्गफीट के एक छत से पूरे मानसीन सीजन में एक लाख लीटर के लगभग बरसाती पानी भू-गर्भ में पहुंचाया जा सकता है। इस हिसाब से एक दिन में शहर के ढाई लाख भवनों से बीस करोड़ लीटर से ज्यादा पानी बचाया जा सकता है।
विनोद दुबे, भू-जलविद् यहां भी जल संवर्धन इकाई नहीं ●800 से ज्यादा सरकारी स्कूल ●200 निजी स्कूल ●15 शासकीय कॉलेज भवन ●06 विश्वविद्यालय ●60 निजी कॉलेज ●130 से ज्यादा टाउनशिप
भूजलविदों के अनुसार एक हजार वर्ग फीट के छत वाले एक भवन में जल संवर्धन इकाई विकसित कर पूरे मानसून सीजन (चार माह या 120 दिन) में एक लाख लीटर पानी भूगर्भ में पहुंचाया जा सकता है।
यानी एक दिन में लगभग 833 लीटर वर्षा जल सुरक्षित किया जा सकता है।