इस संबंध में पाटन थाना प्रभारी आसिफ इकबाल का कहना है कि सावरिया नगर एयरपोर्ट रोड इंदौर निवासी कंपनी के जांच अधिकारी मयंक शर्मा ने पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा से इस प्रकरण की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि टाटा कंपनी की हूबहू पैकिंग कर जबलपुर के पाटन क्षेत्र में नकली नमक बेचा जा रहा है। इस शिकायत को पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच कर, दोषी व्यापारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
थाना प्रभारी बताते हैं कि कंपनी के जांच अधिकारी की मौजूदगी में रविवार को एसआइ सोनी ने पुलिस टीम के साथ पाटन बाजार के विकास ट्रेडर्स व वर्धमान नामक किराना दुकानों में छापेमारी की। इस दौरान विकास ट्रेडर्स में टाटा नमक के 45 तथा वर्धमान किराना में 90 पैकेट मिले। व्यापारियों के सामने जांच के तहत मौके पर ही बरामद नमक पैकेट पर अंकित बार कोड स्कैन किए गए लेकिन किसी भी पैकेट के बार कोड मोबाइल से स्कैन नहीं हुए। वहीं जांच अधिकारी शर्मा ने कहा कि कंपनी जब नमक पैकेट की पैकिंग करती है, उसी वक्त पैकेट पर बैचकोड व बारकोड डाला जाता है। लकिन दोनों दुकानों में मिले नमक के पैकेट पर अंकित बार कोड टाटा कंपनी के बारकोड से मेल नहीं खा रहे थे। बैचकोड तो किसी पैकेट पर था ही नहीं।
पूछताछ में विकास ट्रेडर्स के संचालक 25 वर्षीय विवेक अग्रवाल व वर्धमान किराना स्टोर संचालक 30 वर्षीय प्रशांत कुमार जैन का कहना रहा कि उन्होंने ये नमक के पैकेट अग्रवाल धर्मशाला कोतवाली स्थित हाजी मोहम्मद पीर मोहम्मद नामक किराना दुकान से खरीदे थे। कटंगी चौक पाटन निवासी दोनों व्यापारियों ने बताया कि उन्हें यह पता नहीं था कि नमक नकली है। पुलिस ने दोनों प्रतिष्ठानों से नमक के पैकेट जब्त कर लिए हैं। दोनों व्यापारियों को धारा 41 के तहत नोटिस देकर मौके पर छोड़ दिया गया।
इस बीच कंपनी के जांच अधिकारी शर्मा का कहना था कि मिलावटी नमक सेहत के लिए हानिकारक होता है। नमक में किसी भी तरह की मिलावट होने पर पाचन शक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके इस्तेमाल से पेट दर्द, जलन, गैस बनने जैसी बीमारियां हो सकती हैं।