कलेक्टर दीपक सक्सेना के बेटे अमोल का शव एयर एंबुलेंस से जबलपुर लाया गया था। यहां सिविल लाइंस स्थित कलेक्टर निवास से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम संस्कार गौरीघाट मुक्तिधाम पर किया गया। चचेरे भाई अर्पित ने अमोल को मुखाग्नि दी।
यह भी पढ़ें : Guna Seat: एक्जिट पोल के बाद यादवेंद्र सिंह का बड़ा दावा, बताया- क्यों हारेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया! अमोल सक्सेना का रविवार यानि 2 जून को दिल्ली में निधन हो गया था। वे यहां स्क्रिप्ट राइटिंग की पढ़ाई कर रहे थे। शनिवार को उनकी तबियत खराब होने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने अमोल को मृत घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि रविवार को सुबह अमोल ने फोन नहीं उठाया। तब परिजनों ने अपने रिश्तेदारों के साथ कलेक्टर ने एक मित्र को भी कॉल किया। वे तुरंत अमोल के पास पहुंचे और तत्काल अस्पताल ले गए लेकिन तब तब उनकी सांसे थम चुकी थीं।
यह भी पढ़ें : Satta Bazaar: एमपी के सबसे सटीक सट्टा बाजार ने पीछे छोड़ा एग्जिट पोल, जानें किसका बढ़ाया टेंशन सोमवार को एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम के बाद अमोल का पार्थिव शरीर दोपहर में एयर एंबुलेंस द्वारा दिल्ली से जबलपुर के लिए रवाना किया गया। शाम को मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले अमोल की मौत की खबर आते ही जबलपुर प्रशासनिक हल्कों में माहौल गमगीन हो गया। मूलतः उज्जैन के निवासी कलेक्टर दीपक सक्सेना जबलपुर में अपनी मां और पत्नी के साथ रह रहे हैं। पुत्र अमोल के अलावा उनकी एक पुत्री भी है।
कलेक्टर दीपक सक्सेना के पुत्र अमोल को राइटिंग का खासा शौक था। महज 14 साल की उम्र में ही अमोल की एक पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी थी। वे दिल्ली में फिल्म और टेलीविजन राइटिंग का कोर्स कर रहे थे।
सीएम मोहन यादव ने जताया दुख
सीएम मोहन यादव (dr mohan yadav) ने इस घटना पर दुख जताते हुए अपने एक्स हेंडल पर लिखा- जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के युवा एवं होनहार पुत्र अमोल सक्सेना के असामयिक देहावसान का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। बाबा महाकाल से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत की पुण्य आत्मा को शांति प्रदान कर अपने श्री चरणों में स्थान दें।