बता दें कि, अरुण दुबे पर 5,000 रुपए का इनाम था। पुलिस ने अरुण दुबे को उस वक्त दबोचा जब वह चोरी-छिपे अपने परिवार से मिलने आया था। अरुण दुबे के खिलाफ जबलपुर के गोरा बाजार कैंट, माढ़ोताल और गोहलपुर समेत कई थानों में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस पूछताछ के दौरान, अरुण दुबे ने स्वीकार किया कि उन्होंने कई व्यापारियों और यहां तक कि पुलिस अधिकारियों को भी निशाना बनाया है और उन्हें इसी तरह से ठगा है।
यह भी पढ़े – जंगल से आई रोने की आवाज, पास जाने पर चरवाहे रह गए हैरान, पुलिस 4 दिन से जिसे तलाश रही थी वो मासूम यहां मिली जुलाई में दिया था एक ठगी को अंजाम
गौरतलब है कि, अरुण दुबे और उसके गिरोह ने इसी साल जुलाई में
जबलपुर के माढ़ोताल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पोर्श इलाके अनंतारा कॉलोनी में एक ठगी को अंजाम दिया था। गिरोह ने शकुंतला देवी नाम की महिला से पूजा पाठ के नाम पर एक करोड़ से अधिक रुपए की ठगी कर ली थी। उन्होंने इस ठगी की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि अरुण दुबे के गिरोह ने पूजा-पाठ करने के नाम पर उनके पुत्र बृजेंद्र बातव को सोशल मीडिया के जरिए फसाया और फिर घर में सैकड़ों भूत-प्रेत होने का दावा कर 1 करोड़ रूपए लूट लिए थे। गिरोह ने इस बात से भी उन्हें उल्लू बनाया था कि उनके घर के नीचे करोड़ो का खजाना गड़ा हुआ है।
यह भी पढ़े – पीएम आवास की किस्त मिली तो घर बनाने लगे आदिवासी परिवार, अब भारी बारिश में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर, जाने कारण पुलिस ने किया गिरफतार
पुलिस ने गढ़ा फाटक से अरुण दुबे को गिरफ्तार किया और आज उसे कोर्ट में भी पेश किया गया है। इस बीच, गोरा बाजार और गोहलपुर थाने भी आगे की पूछताछ के लिए उसकी रिमांड मांग रहे हैं। हालांकि पुलिस ने अभी सिर्फ अरुण दुबे को ही पकड़ पायी है लेकिन वह अरुण के भाई वरुण दुबे की सक्रियता से तलाश कर रही है, जो अभी भी फरार है। बता दें कि, अरुण दुबे ने 17-18 साल की उम्र से लोगों को बुरी आत्माओं की कहानियों से डराना शुरू कर दिया था और आगे चलकर डॉक्टरों, इंजीनियरों और यहां तक कि पुलिस अधिकारियों सहित धनी व्यक्तियों को निशाना बनाने लग गया।