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वेंटिलेटर पर पहुंचने वाले मरीज भी हुए स्वस्थ
ये दवा उन मरीजों को भी दी गई, जो संक्रमण से अधिक ग्रस्त होकर वेंटीलेटर तक जा पहुंचे थे। हैरानी की बात ये है कि, इस दवा की मदद से वेंटिलेटर पर रखे गए मरीज भी स्वस्थ हुए हैं। मेडिकल कॉलेज की ट्रीटमेंट कमेटी की हरी झंडी के बाद इस दवा को कोरोना से संक्रमित हर एक मरीज को देने की तैयारी की जा रही है। चिकित्सकों के मुताबिक, ये दवा (आइवरमेक्टिन) फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से स्वीकृत है।
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जरूरत के अनुसार खरीदी शुरु
आपको बता दें कि, शहर में कोरोना संक्रमितों के उपचार के दौरान उपयोगी दवाओं की सूची में कुछ दिनों पूर्व आइवरमेक्टिन को शामिल किया गया है। प्रशासन ने भी जरूरत के अनुसार दवा की खरीदी शुरू कर दी है। चिकित्सकों ने बताया कि, कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के दौरान हाई फ्लो ऑक्सीजन, स्टेराइड, विटामिन सी व जिंक दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य लक्षणों के आधार पर दवा की संख्या व मात्रा को सुनिश्चित किया जा रहा है।
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प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल की जा रही दवा
मरीजों पर आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल ड्रग ट्रायल के तहत नहीं बल्कि प्रयोग के तौर पर किया गया, जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। पेट के कीड़े मारने वाली इस दवा को बीते दो महीने में 100 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों पर प्रयोग किया गया। वेंटीलेटर पर रखे गए कुछ मरीज भी स्वस्थ हुए हैं। मेडिकल की ट्रीटमेंट कमेटी ने भी दवा को मंजूरी दे दी है। इसके बाद कोरोना के सभी मरीजों को ये दी जाने लगी है।