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जबलपुर

प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़े मामले में अंतरिम आदेश बरकरार

हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने अंतिम निर्णय के अधीन किया
 
 
 

जबलपुरOct 05, 2023 / 06:35 pm

shyam bihari

court-hammer

Court of District Sessions Judge verdict….life imprisonment of murderar

जबलपुर। हाईकोर्ट के न्यायाधीश शील नागू की युगलपीठ ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़े मामले में उस अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें नियुक्तियों को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया गया था। युगलपीठ ने मामले की सुनवाई में सभी पक्षों को सुनने के बाद दो नवंबर को अंतिम सुनवाई करने के निर्देश दिए।

हाईकोर्ट में वर्ष 2018 में हुई प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के तहत की गई नियुक्तियों को चुनौती देते हुए कई डीएलएड छात्रों ने याचिकाएं दाखिल की हैं। इसी के तहत अब सैकड़ों बीएड डिग्रीधारक उम्मीदवारों ने भी हस्तक्षेप आवेदन प्रस्तुत किए हैं। जबलपुर निवासी रोहित चौधरी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के दर्जनों डीएलएड छात्रों ने याचिका दायर कर एनसीटीई के 26 अगस्त 2018 की उस अधिसूचना को चुनौती दी है, जिसके तहत प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए बीएड डिग्रीधारकों को भी पात्र माना है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि बीएड डिग्रीधारकों के लिए शर्त रखी गई है नियुक्ति के दो वर्ष के भीतर ऐसे शिक्षकों को ब्रिज कोर्स करना होगा। दलील दी गई कि प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के तहत नियुक्ति के लिए काउंसलिंग जारी है। इसमें सैकड़ों बीएड डिग्री वालों को भी नियुक्ति दी जा रही है। जबकि, अभी तक एनसीटीई ने ब्रिज कोर्स का सिलेबस भी निर्धारित नहीं किया है। कोर्ट को बताया गया कि 28 हजार में से 15 हजार बीएड डिग्रीधारकों को नियुक्ति दी गई है। यह भी बताया गया कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड वालों को नियुक्ति देने से डीएलएड डिग्रीधारकों का हक मारा जाता है।

याचिका के डिफॉल्ट दूर कर प्रकरण लिस्ट करें

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल रामकुमार चौबे सहित अन्य के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका के डिफॉल्ट दूर करने के बाद लिस्ट करने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता सिंगरौली निवासी अधिवक्ता ब्रजेश कुमार शाहवाल की ओर से बताया गया कि हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने हाईकोर्ट के ही आदेश-निर्देश का पालन नहीं किया। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट की युगलपीठ ने चार अगस्त, 2023 को आदेशित किया था कि ओबीसी आरक्षण से सम्बंधित प्रकरण चार सितंबर, 2023 के सप्ताह में सुनवाई के लिए रखे जाएं। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया।

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