70 गन अपग्रेडिंग में
फैक्ट्री में अभी थल सेना के पास मौजूदा 200 एंटी एयरक्रॉफ्ट गन के अपग्रेडेशन का काम कर रही है। चालू वित्तीय वर्ष में ७० गन अपग्रेड किया जाना है। यह अंतिम लॉट होगा। इसके पूरा होते ही नई एंटी एयरक्रॉफ्ट गन के प्रोजेक्ट को तेज किया जा सकता है।
तकनीक में बदलाव
देश की सेना एयरक्रॉफ्ट को उड़ाने के लिए जीसीएफ में ही बनी 40 एमएम एल-70 गन का इस्तेमाल करती है। लेकिन, मौजूदा समय में तकनीक में बदलाव आ गया है। इसलिए इसे भी अपग्रेड करने की जरूरत सेना ने जताई थी। इसी के तहत बीते तीन साल से गन को अपग्रेड करने का काम जीसीएफ कर रही है।
बीइएल का इलेक्ट्रॉनिक अपग्रेडेशन
जीसीएफ, एंट्री एयरक्राफ्ट गन अपग्रेडेशन के इस प्रोजेक्ट को बीईएल के सहयोग से कर रही है। इसके तहत हाइड्रोलिक सिस्टम को मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक में बदला जा रहा है। बीइएल इलेक्ट्रॉनिक तो जीसीएफ मैेकेनिकल अपग्रेडेशन का काम कर रही हैं।
12 किमी से ज्यादा दूरी पर निशाना
अपग्रेडेशन के बाद इसके संचालन के साथ-साथ टारगेट पर फायर करना और बेहतर हो गया है। अब तक करीब १३० गन का अपग्रेडेशन किया जा चुका है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 70 गन को अपगे्रड करने का काम फैक्ट्री को मिला है। इस गन को पहले जीसीएफ ने ही तैयार किया था। इसलिए अपग्रेडेशन का काम भी फैक्ट्री के माध्यम से कराया जा रहा है। इसमें फैक्ट्री की विशेषज्ञों की टीम अंजाम दे रही है। जानकारों ने बताया कि इस गन से १२ किमी से ज्यादा दूरी तक निशाना साधा जा सकता है।
नई गन पर रिसर्च
नई एल-70 गन कैसे होगी, इस पर अभी रिसर्च एंड डेवलमेंट सेंटर क द्वारा काम किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि यह मौजूदा गन से ज्यादा ताकतवर होगी। उसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
अभी प्रारंभिक स्थिति
जीसीएफ के जनंसपर्क अधिकारी संजय श्रीवास्व के अनुसार एल-७० एंटी एयरक्रॉफ्ट गन का अपग्रेडेशन का काम इस साल भी किया जाएगा। फैक्ट्री को 70 गन अपग्रेड करने का काम मिला है। नई एंटी एयरक्रॉफ्ट गन के निर्माण का काम अभी प्रारंभिक स्थिति मंें है। इसे जल्द पूरा किया जाएगा।