यह है मामला
गृहमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पं. रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में तिरंगा झंडा फहराया गया। इस दौरान उन्होंने परेड की सलामी और अपना उद्बोधन दिया। इसके बाद पुलिस के जवानों द्वारा हर्ष फायर किया गया और बैंड दल द्वारा राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। जिस पर गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह, कलेक्टर महेशचंद चौधरी, एसपी शशिकांत शुक्ला भी राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े रहे। वहीं मंत्री के बाजू से संभागायुक्त गुलशन बामरा, आईजी जयदीप प्रसाद, डीआईजी भगवत सिंह, अपर कलेक्टर छोटे सिंह, निगमायुक्त वेद प्रकाश सहित कई वरिष्ठ अधिकारी अपनी बातों में मगन कुर्सियों पर बैठे नजर आए। जिसे पत्रिका ने लाइव टेलीकास्ट में सबसे पहले दिखाया।
जब पत्रिका द्वारा लाइव किया जा रहा था, तब एक अधिकारी ने बैठने की बात सुन ली और आनन फानन में बाकी के अधिकारी भी खड़े हो गए। लेकिन तब तक राष्ट्रगान की अंतिम पंक्तियां गाई जा रहीं थी। जब राष्ट्रगान में अपमान पर अधिकारियों से पूछा गया तो वे बिना जवाब दिए ही स्टेडियम से निकल गए। हालांकि इस संबंध में अब तक गृहमंत्री से बात नहीं हो पाई है। वहीं स्टेडियम में मौजूद लोगों के बीच अधिकारियों की ये हरकत चर्चा का विषय बन गई। बच्चों का कहना था कि जब आदर्श माने जाने वाले अधिकारी ही ऐसा करेंगे तो बाकी आमजन से कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वह राष्ट्रगान का सम्मान करे और अपने बच्चों को सिखाए।
ये है नियम – आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हर्ष फायर में दो बार की फायरिंग तक राष्ट्रगान की धुन पर किसी को खड़े नहीं होना है। हालांकि लोग स्वेच्छा से खड़े हो सकते हैं। अंतिम चरण में जब राष्ट्रगान होता है तब सभी को खड़े होना आवश्यक है। इसी दौरान राष्ट्रगान का अपमान माना जाता है। जबकि बैठे हुए सभी अधिकारी इसी दौरान खड़े हुए थे। जिसे लोगों ने राष्ट्रगान का अपमान समझ लिया। इसके बाद एसपी ने मीडिया से चर्चा के दौरान इस बात की पुष्टि भी की।