Hospital : मेडिकल और जिला अस्पताल का एक जैसा हाल, पंखे की व्यवस्था कर रहे मरीज
Hospital : एसी बंद होने से छटपटाने लगते हैं मरीज
मेडिकल अस्पताल की तीसरी मंजिला में स्थित वार्ड क्र.14 में भर्ती 45 वर्षीय महिला के परिजनों ने बताया कि मरीज के पित्ताशय का ऑपरेशन कर पथरी निकाली गई है। पोस्ट केयर के लिए उसे सर्जरी वार्ड में उसे रखा गया है। वार्ड का एसी खराब होने के कारण महिला का गर्मी से बुरा हाल हो रहा था। परिजनों ने अस्पताल स्टाफ से एसी को ठीक कराकर चालू कराने की मांग की तो जवाब मिला कि फिलहाल सुधार नहीं हो पाएगा।Hospital : 15 दिन में भी नहीं हुआ सुधार, पंखे झल रहे
मरीजों की शिकायत थी कि जिला अस्पताल का आईसीयू इसी महीने 15 दिन तक खराब रहा। इस दौरान गंभीर मरीजों को यहां रखे जाने पर उन्हें गर्मी के कारण समस्या का सामना करना पड़ा। मरीजों के परिजनों को अपने घर से टेबल फेन तक लाना पड़ा था। इससे पहले गर्मी के दिनों में भी आईसीयू का एसी कई बार खराब हो चुका था।Hospital : 4 की जगह 2 से ही काम
आइसीयू में 4 एसी की आवश्यकता है, लेकिन 2 ही लगे हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि फंड के संकट के कारण समस्या आ रही है। पहले डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से राशि मिलती थी, इससे अस्पताल में कई काम हो जाते थे, लेकिन अब राशि मिलना बंद हो गई है। उनका कहना है कि रोगी कल्याण समिति की बैठक में अस्पताल के एसी सुधारने का प्रस्ताव रखा जाएगा। जिससे फंड उपलब्ध हो अैर एसी का सुधार कार्य कराया जा सके।Hospital : आइसीयू का वातानुकूलित होना आवश्यक
● आइसीयू में मरीज की 24 घंटे निगरानी होती है, ताकि स्थिति में किसी भी प्रकार का बदलाव तुरंत देखा जा सके। ● यह संवेदनशील वार्ड होता है, तत्काल उपचार की जरूरत होती है। ताकि स्थिति बिगड़ने से पहले मरीजों को बचाया जा सके।
● विशेषज्ञ डॉक्टर और नर्स की तैनाती की जाती है, जो गंभीर बीमार मरीजों का इलाज करने में प्रशिक्षित होते हैं ● आधुनिक उपकरणों की सुविधा होती है, जैसे कि वेंटिलेटर, डायलिसिस मशीन, और ईसीजी मशीन, जो मरीजों का इलाज करने में मदद करते हैं, एसी खराब होने से इनपर भी असर पड़ता है।
आइसीयू में दो एसी चालू हैं, दो एसी का सुधार कराया जाना है। रोगी कल्याण समिति की बैठक का प्रस्ताव दिया हैै। इसमें चर्चा होगी और फंड प्राप्त कर एसी सुधार समेत अन्य आवश्यक कार्य कराए जा सकें।
डॉ. मनीष मिश्रा, सिविल सर्जन