जबलपुर

भाई ने दी बहन को ऐसी मौत कि दहल गए लोग, इस वजह से मारा

हाईकोर्ट ने कहा भाई ने बहन को मार डाला, केस मेें पिता की गवाही पर्याप्त है सजा निर्धारित करने में

जबलपुरAug 13, 2017 / 09:55 am

Lalit kostha

Murder of jewelery trader

जबलपुर। हाईकोर्ट ने एक आपराधिक अपील निरस्त करते हुए कहा है कि पैसे न देने पर भाई ने बहन को मार डाला हो और पिता इस घटना का प्रत्यक्षदर्शी हो तो पिता अदालत में झूठ नहीं बोल सकता। पिता ने बेटे के खिलाफ गवाही दी है। इस पर अविश्वास का कोई कारण नहीं है। जस्टिस एसके गंगेले व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने जिला अदालत छिंदवाड़ा के निर्णय को सही ठहराया है। जिला अदालत ने आरोपी को उम्रकै द की सजा सुनाई थी।

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अभियोजन के अनुसार घटना छिंदवाड़ा जिले के चांदामेटा थानांतर्गत भमोड़ी गांव की है। आरोपी सतीश गिरजाशंकर कतिया अपनी बहन कांति बाई व पिता शिवशंकर के साथ रहता था। वह निठल्ला व बेरोजगार था। २८-२९ फरवरी २००४ की दरम्यानी रात करीब १ बजे सतीश अपने घर आया। उसने बहन कांति से रुपए की मांग की तो कांति ने उसे काम करने की नसीहत दी। इस पर दोनों में विवाद हुआ। सतीश ने कुल्हाड़ी उठाकर कांति के सिर पर वार कर दिया। शोर सुन कर पिता शिवशंकर दूसरे कमरे से आ गया। उसने बीचबचाव करने की क ोशिश की तो आरोपी ने उसे भी कुल्हाड़ी के बेंट से मारा। कांति गिर कर तड़पने लगी तो वह भाग गया। कांति को इलाज के लिए डब्ल्यूसीएल के अस्पताल ले जाया गया, जहां दूसरे दिन उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने ३०२ के तहत प्रकरण दर्ज किया था।

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अदालत ने २४ मार्च २००५ को फैसला सुनाते हुए सतीश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस निर्णय को अपील में चुनौती दी गई। कहा गया कि पिता की गवाही का अन्य किसी स्वतंत्र साक्ष्य ने समर्थन नहीं किया है। विचारण के बाद कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांतों के प्रकाश व इस तरह की परिस्थिति में पिता की गवाही को ही पर्याप्त बताया। कोर्ट ने कहा ऐसे अपराधों में मिलने वाली सजा समाज के लिए उदाहरण भी बनती है।

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