सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल की अंधेरगर्दी, सरकारी योजना के दोहन के लिए फर्जीवाड़ा
होटल को बना दिया अस्पताल आयुष्मान के भर्ती मिले मरीज
स्वास्थ्य और पुलिस की टीम ने मारा छापा, होटल में भर्ती 35 मरीज आयुष्मान योजना के थे लाभार्थी
जानकारी के अनुसार सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ अश्वनी पाठक की पत्नी डॉ दोहिता पाठक के नाम पर संचालित है। उन्होंने कोरोना काल में संदिग्ध मरीजों के आइसोलेशन के लिए अस्पताल के बगल में स्थित वेग होटल को किराए पर लिया था। कोरोना लहर जाने के बाद भी उन्होंने होटल को अस्पताल के रूप में इस्तेमाल करना जारी रखा। जहां पर आयुष्मान योजना के मरीजों को भर्ती दिखाकर बड़ा खेल किया जा रहा था। इसकी सूचना मिलने पर शुक्रवार को हेल्थ और पुलिस की टीम होटल में पहुंची तो एक बेड पर दो से लेकर चार मरीजों को देखकर हैरान रह गई। पुलिस टीम को देखते ही अस्पताल के स्टाफ ने कुछ मरीजों को वहां से रवाना कर दिया था। यहां 35 मरीज मिले, इन सभी का आयुष्मान कार्ड से कथित उपचार किया जा रहा था। वहीं, आयुष्मान योजना के तहत ही 42 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया था।
होटल के बेड में आराम करते मिले कथित मरीज
सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के प्रबंधन होटल को अस्पताल के रूप में इस्तेमाल कर रहा था, लेकिन होटल के कमरों के पलंग और गद्दे तक नहीं बदले थे। जांच टीम जब पहुंची तो होटल के गद्दों में कथित मरीज सोते मिले। जिनके आस पास इलाज से जुड़ी कोई भी चीज मौजूद नहीं थी। जबकि होटल के बड़े हाल में मेडिकल बेड में भी मरीजों को रखा गया था। इनमें से कुछ को ड्रिप लगी हुई थी। होटल के एक-एक कमरे में दो दो मरीज भर्ती मिले। प्राथमिक जांच में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को यह भी पता चला कि अधिकतर मरीज सामान्य निकले।
एक ऑडियो भी वायरल
अस्पताल में छापामारी के बाद एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है। यह ऑडियो एक दलाल का बताया जा रहा है। आडियो में दलाल बता रहा है कि आयुष्मान योजना हितग्राही मरीजों को अस्पताल लाने पर उसे पांच हजार रुपए कमीशन मिलता था। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन मरीज और उसके परिजनों से सेटिंग करके आयुष्मान योजना से अधिक से अधिक रकम निकालने का प्रयास करता था। कुछ रकम मरीज और उसके परिजनों को भी दी जाती थी।
होटल में अस्पताल चलाने की अनुमति नहीं
सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि होटल में अस्पताल संचालन की अनुमति नहीं थी। प्रथम दृष्टया बिना पंजीयन होटल में अस्पताल संचालित किए जाने की गड़बड़ी सामने आई है। यहां से दस्तावेज भी इलाज सम्बन्धी लिए हैं। पुलिस ने भी यहां मरीजों के बयान लिए हैं। दस्तावेजों की जांच की जा रही है। साथ ही कंप्यूटर का डाटा भी पेश करने को कहा गया है। जांच के तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
फर्जीवाड़े की खुली पोल
ए एसपी गोपाल खाण्डेल ने बताया कि सूचना मिली थी कि डॉ. अश्वनी कुमार पाठक की पत्नी द्वारा संचालित सेन्ट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को भर्ती कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ वहां छापा मारा। टीम अस्पताल में पहुंची, तो हड़कंप मच गया। अस्पताल के कर्मचारियों ने दस्तावेजों को इधर-उधर करना शुरू कर दिया। जानकारी के अनुसार अस्पताल में जब कोई मरीज पहुंचता था, तो उसे पीछे के रास्ते से होटल के कमरे में शिफ्ट किया जाता था। यह इसलिए किया जाता था कि किसी को यह पता न चल सके कि आखिरकार मरीजों को होटल मे भर्ती किया जा रहा है।