आवास में शेड बनाकर जमीन घेर ली विश्वविद्यालय के आवासों में रहने वाले लोगों ने क्वार्टर में शेड बनाकर साइड की जमीन घेर ली है। इससे आवासों के बीच की कंजरवेंसी समाप्त हो गई है। कंजरवेंसी समाप्त हो जाने से साफ-सफाई के लिए जगह नहीं बची है। यहां केवल सडक़ पर ही सफाई हो पाती है, शेष जगह पर आने-जाने के लिए रास्ता ही नहीं बचा है।
क्र्वाटरों में मवेशी
विवि के क्वार्टरों में लोगों ने मवेशी पाल लिए हैं। जानकारों का कहना है कि मवेशी रखने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन से अनुमति नहीं ली गई है। मवेशी होने की वजह से कॉलोनी में गंदगी फैल रही है। ये मवेशी एक क्वार्टर में नहीं है बल्कि यहां कई आवास एेसे हैं, जिसमें भवन से ज्यादा जगह पर कब्जा करके मवेशी पाल लिए गए हैं।
पचास से ज्यादा क्वार्टरों में कब्जा
विश्वविद्यालय के पचास से ज्यादा क्वार्टरों में कब्जा किया जा चुका है। इसमें सभी श्रेणी के क्वार्टर शामिल हैं। कब्जे में सबसे ज्यादा तृतीय श्रेणी के क्वार्टर हैं, जिनमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी और उनके रिश्तेदार रह रहे हैं। जानकार कहते हैं कि यहां निगरानी नहीं होने से खाली पड़े क्वार्टरों पर लोगों ने अपने रिश्तेदारों को बसा लिया है। इस मामले की शिकायत करने पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ नहीं किया है। गौरतलब है कि रजिस्टार डॉ. कमलेश मिश्रा ने पदभार संभालते ही कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की है।
एक नजर
आवासों के आगे मनचाही फैंसिंग करके घेराबंदी
आवासों में शेड बनाए
परिसर में बिना अनुमति पाले मवेशी
पचास से अधिक क्वार्टरों में अवैध रहवास
सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप
मुफ्त में बिजली-पानी का इस्तेमाल
मरम्मत के लिए भेजा प्रस्ताव
क्र्वाटरों में मवेशी
विवि के क्वार्टरों में लोगों ने मवेशी पाल लिए हैं। जानकारों का कहना है कि मवेशी रखने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन से अनुमति नहीं ली गई है। मवेशी होने की वजह से कॉलोनी में गंदगी फैल रही है। ये मवेशी एक क्वार्टर में नहीं है बल्कि यहां कई आवास एेसे हैं, जिसमें भवन से ज्यादा जगह पर कब्जा करके मवेशी पाल लिए गए हैं।
पचास से ज्यादा क्वार्टरों में कब्जा
विश्वविद्यालय के पचास से ज्यादा क्वार्टरों में कब्जा किया जा चुका है। इसमें सभी श्रेणी के क्वार्टर शामिल हैं। कब्जे में सबसे ज्यादा तृतीय श्रेणी के क्वार्टर हैं, जिनमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी और उनके रिश्तेदार रह रहे हैं। जानकार कहते हैं कि यहां निगरानी नहीं होने से खाली पड़े क्वार्टरों पर लोगों ने अपने रिश्तेदारों को बसा लिया है। इस मामले की शिकायत करने पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ नहीं किया है। गौरतलब है कि रजिस्टार डॉ. कमलेश मिश्रा ने पदभार संभालते ही कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की है।
एक नजर
आवासों के आगे मनचाही फैंसिंग करके घेराबंदी
आवासों में शेड बनाए
परिसर में बिना अनुमति पाले मवेशी
पचास से अधिक क्वार्टरों में अवैध रहवास
सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप
मुफ्त में बिजली-पानी का इस्तेमाल
मरम्मत के लिए भेजा प्रस्ताव
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के एइ विनोद जरोलिया के मुताबिक विश्वविद्यालय के रेनोवेशन के लिए मौजूदा हालात में करीब 76 लाख का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए भेजा गया है। इसमें परिसर की तमाम मरम्मत शामिल हैं। स्वीकृति आने के बाद इस पर काम शुरू किया जा सकेगा।
यहां हैं कब्जे
विश्वविद्यालय परिसर के ब्लॉक ए, सी और डी कब्जे हैं। यहां कई एेसे कर्मचारी हैं, जिन्होंने वर्ष 2012 में कब्जा किया था और उसे वर्ष 2016 में छोड़ दिया है। इन सभी कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय से नियमानुसार आवंटन नहीं कराया है। इनका किराया भी इनकी पगार से नहीं कट रहा है।
ये हैं प्रमुख कर्मचारी:
यहां हैं कब्जे
विश्वविद्यालय परिसर के ब्लॉक ए, सी और डी कब्जे हैं। यहां कई एेसे कर्मचारी हैं, जिन्होंने वर्ष 2012 में कब्जा किया था और उसे वर्ष 2016 में छोड़ दिया है। इन सभी कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय से नियमानुसार आवंटन नहीं कराया है। इनका किराया भी इनकी पगार से नहीं कट रहा है।
ये हैं प्रमुख कर्मचारी:
वर्ष 2011
मोनू चौहान एफ-3
वर्ष 2012
रमाकांत शुक्ला डी-32
ममता केवट- डी-18
वर्ष- 2013
बिंदू यादव सी-2
सुनील मिश्रा सी-6
वंशबहोर पटेल सी-10
वर्ष- 2014
प्रेम प्रकाश पुरोहित सी-14
एके पाठक सी-9
राजू सिंह- डी-12
सत्येन्द्र मिश्रा- डी-14
शिरीष दुबे- डी-16
राजेश शुक्ला डी-31
अंसार अली- एफ-17
सोनू सोंधिया- एफ-2
रामाश्रय गौंड़ एफ-1
नंद कुमार यादव सी-13
रामफल शर्मा सी-15
रामनरेश द्विवेदी डी-5
संतोष यादव डी-9
रामेन्द्र तिवारी डी-11
रजनीश पांडे डी-13
वर्ष 2015
रमाकांत तिवारी सी-5
शिकाकांत तिवारी सी-5
संतोष सिंह ठाकुर- सी-11
सुरेश तिवारी सी-21
धर्मेंद शर्मा डी-7
महेन्द्र श्रीवास्तव डी-20
नरेन्द्र तिवारी डी-25
ब्रजेश तिवारी डी-26
संजय तिवारी डी-33
मनीष पांडे डी- 34
केशव कहार एफ-10
वर्ष 2016
दिलीप मिश्रा डी-36
राजशरण पांडे डी-15
वर्ष 2017
शत्रुघन पांडे, उमेश शुक्ला ए-6
संतोष पांडे सी-19
रामशंकर द्विवेदी डी-21
ब्रजेंद्र चतुर्वेदी डी-29
राजेश श्रीवास्तव सी-14
विक्रम सिंह उईके सी-4
काशी प्रसाद यादव- देवेन्द्र पुरुष छात्रावास का कमरा
सतेन्द्र मणि शर्मा डी-22
वर्ष 2018
सियाशरण बेगा ए-3
जीवन राम बेगा ए-5
सिद्धमुनि पाठक सी-8
विश्वविद्यालय प्रांगण के आवासों की जांच-पड़ताल के बाद नियमानुसार लोगों को आवास आवंटित किए जाएंगे। अनाधिकृत रूप से इन आवासों में कोई नहीं रहेगा। हमारी कोशिश यही है कि आवास कैडर के हिसाब से ही दिए जाएंगे। इस मामले में कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र से निराकरण पर बातचीत की गई है।
डॉ. कमलेश मिश्रा, रजिस्टार, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय
मोनू चौहान एफ-3
वर्ष 2012
रमाकांत शुक्ला डी-32
ममता केवट- डी-18
वर्ष- 2013
बिंदू यादव सी-2
सुनील मिश्रा सी-6
वंशबहोर पटेल सी-10
वर्ष- 2014
प्रेम प्रकाश पुरोहित सी-14
एके पाठक सी-9
राजू सिंह- डी-12
सत्येन्द्र मिश्रा- डी-14
शिरीष दुबे- डी-16
राजेश शुक्ला डी-31
अंसार अली- एफ-17
सोनू सोंधिया- एफ-2
रामाश्रय गौंड़ एफ-1
नंद कुमार यादव सी-13
रामफल शर्मा सी-15
रामनरेश द्विवेदी डी-5
संतोष यादव डी-9
रामेन्द्र तिवारी डी-11
रजनीश पांडे डी-13
वर्ष 2015
रमाकांत तिवारी सी-5
शिकाकांत तिवारी सी-5
संतोष सिंह ठाकुर- सी-11
सुरेश तिवारी सी-21
धर्मेंद शर्मा डी-7
महेन्द्र श्रीवास्तव डी-20
नरेन्द्र तिवारी डी-25
ब्रजेश तिवारी डी-26
संजय तिवारी डी-33
मनीष पांडे डी- 34
केशव कहार एफ-10
वर्ष 2016
दिलीप मिश्रा डी-36
राजशरण पांडे डी-15
वर्ष 2017
शत्रुघन पांडे, उमेश शुक्ला ए-6
संतोष पांडे सी-19
रामशंकर द्विवेदी डी-21
ब्रजेंद्र चतुर्वेदी डी-29
राजेश श्रीवास्तव सी-14
विक्रम सिंह उईके सी-4
काशी प्रसाद यादव- देवेन्द्र पुरुष छात्रावास का कमरा
सतेन्द्र मणि शर्मा डी-22
वर्ष 2018
सियाशरण बेगा ए-3
जीवन राम बेगा ए-5
सिद्धमुनि पाठक सी-8
विश्वविद्यालय प्रांगण के आवासों की जांच-पड़ताल के बाद नियमानुसार लोगों को आवास आवंटित किए जाएंगे। अनाधिकृत रूप से इन आवासों में कोई नहीं रहेगा। हमारी कोशिश यही है कि आवास कैडर के हिसाब से ही दिए जाएंगे। इस मामले में कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र से निराकरण पर बातचीत की गई है।
डॉ. कमलेश मिश्रा, रजिस्टार, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय