याचिका नानाजी देशमुख वेटरनरी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति गोविंद प्रसाद मिश्रा (83) और सेवानिवृत्त वायुसेना अधिकारी आरपी श्रीवास्तव (100) समेत चार अन्य सीनियर सिटीजन ने दायर की है। इसमें कहा है, शादियों और धार्मिक आयोजनों में डीजे की आवाज 100 डेसिबल से अधिक होती है, जबकि मानव शरीर अधिकतम 75 डेसिबल तक की ध्वनि सहन कर सकता है। इस ध्वनि प्रदूषण से लोगों को हार्ट अटैक, उच्च रक्तचाप, और सुनने की समस्याएं हो रही हैं।
दो सप्ताह में मांगा जवाब
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट में दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ध्वनि प्रदूषण को गंभीर समस्या माना है। इसका प्रतिकूल प्रभाव मानव जीवन पर पड़ रहा है। युगलपीठ ने केंद्र सरकार(Union Government), प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला प्रशासन और यातायात पुलिस को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। ये भी पढ़ें: MP में करोड़ों का ‘निवेश’, इस कंपनी ने दिया सबसे बड़ा प्रस्ताव, 2 लाख से ज्यादा को रोजगार ये भी पढ़ें: Cyclone Dana का एमपी पर असर, कल से बदलेगा मौसम, कई जिलों में बारिश का पूर्वानुमान