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जबलपुर

16 Private School की सुनवाई, वेबसाइट पर पांच स्कूल का ब्यौरा

खुली सुनवाई की जानकारी ताले में वेबसाइट पर भी नहीं की अपलोड

जबलपुरMay 16, 2024 / 03:16 pm

Lalit kostha

Temporary market interference fee will be applicable

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जबलपुर. पांच सालों में निजी स्कूल की तरफ से ली गई फीस का ब्यौरा अब तक जिला प्रशासन की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुआ है। केवल पांच स्कूल की जानकारी शिक्षा विभाग ने उपलब्ध कराई है। उसमें भी एक ही स्कूल की चार शाखाएं शामिल हैं। बड़ी बात यह है कि अब तक 16 स्कूलों की खुली सुनवाई हो चुकी है। इसमें कलेक्टर की मौजूदगी में अभिभावक और स्कूल प्रबंधन आमने-सामने थे। अभिभावक प्रमाण के साथ बढ़ी हुई फीस और उससे होने वाली परेशानियों का ब्यौरा सभी के सामने रख चुके हैं। जानकारी को सार्वजनिक करने का मकसद था कि पूरे मामले में पारदर्शिता आ सके। वहीं गलत जानकारी प्रस्तुत होने पर अभिभावक शिकायत कर सकें। फीस की विस्तृत जानकारी अपलोड नहीं होने के कारण खुली सुनवाई का उद्देश्य भी अधूरा रह गया है।
Hearing of 16 private schools, details of five schools on website
ब्यौरा में एकरूपता नहीं, तरीके अलग
अब तक जितने स्कूलों को लेकर कलेक्टर कार्यालय में खुली सुनवाई हुई है, उनमें केवल पांच स्कूलों की फीस का विवरण अपलोड किया गया है। इसमें भी जो विवरण है, उसमें एकरूपता नहीं है। जिस प्रकार स्कूल की तरफ से जानकारी भेजी गई, उसे ही शिक्षा विभाग ने सीधे एनआइसी भेज दिया गया। जबकि होना यह चाहिए था कि उसका एक प्रारूप बनाया जाना चाहिए। जिससे कि अभिभावकों को उसे समझनें में आसानी हो सके। एक निजी स्कूल का ब्यौरा तो ऐसा है जैसे कि कोई पपलेट्स भेजा गया हो। दूसरी तरफ बाकी 14 स्कूलों की जानकारी नहीं आई।
10 से लेकर 40 प्रतिशत तक बढ़ाई गई फीस
सेंट अलायसियस और स्टेमफील्ड स्कूल की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड की गई है। सेंट अलायसियस की शाखाओं का जो वितरण दिया गया है,उसमें अलग-अलग वर्षों में कुछ स्कूलों में 12 से लेकर 40 प्रतिशत तक फीस बढाई गई। इसी प्रकार कुछ शाखाओं का विवरण भी स्पष्ट नहीं है। दूसरी तरफ स्टेमफील्ड स्कूल का विवरण भी फीस में वृद्धि को लेकर बहुत स्पष्ट नहीं है। इसकी वजह यह है कि इसका कोई प्रारूप ही नहीं बनाया गया।
दो स्कूलों का विवरण जिला प्रशासन की वेबसाइट पर अपलोड कराया गया है। बाकी स्कूलों के संबंध में जानकारी मांगी जा रही है। जैसे ही विवरण आएगा, उसे प्रशासन को उपलब्ध करवा देंगे। फीस ज्यादा लिए जाने के संबंध में भी समीक्षा की जा रही है। जिला स्तरीय समिति इसमें निर्णय करेगी।
  • घनश्याम सोनी, जिला शिक्षा अधिकारी

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