तट पर मनी दीवाली
साल की पहली शाम मां नर्मदा के उमाघाट पर दीवाली जैसा नजारा था। यहां मिट्टी के दीये रखने के लिए होड़ जैसी मच गई। महिला पुरुषों के साथ बच्चों ने तट की सीढिय़ों पर मिट्टी के दीये सजाने शुरू किए, जैसे ही शाम को दीप प्रज्जवलित हुए मां नर्मदा का आंचल जगमगा उठा। माहौल में सम्मोहन घुल गया। दीपदान में समाजसेवी माया इंदु तिवारी, सीमा श्रीकांत पचौरी, अंजुलता गुप्ता, दीपमाला केसरवानी, सरोज कांडा, संध्या दुबे, मीरा दुबे, दिव्या वाजपेयी, वंदना सोनकर, अनुराधा पांडेय, शोभना ठाकुर के साथ पवन तिवारी, मनीष विश्वकर्मा, राजेश पटेल, पं. प्रकाश दुबे आदि का विशेष सहयोग रहा।
वेदमंत्रों का सम्मोहन
दीपों का प्रज्जवन वैदिक मंत्रों के साथ किया गया। नगर पंडित सभा के अध्यक्ष पं. वासुदेव शास्त्री के नेतृत्व में जैसे ही स्वस्तिवाचन शुरू हुआ। माहौल में सम्मोहन घुल गया। श्रद्धालुओं का मन झूम उठा। इसके बाद मां नर्मदा की महाआरती और त्वदीय पाद पंकजम् नमामि देवि नर्मदे… के स्वरों ने श्रद्धालुओं को मुग्ध कर दिया। हजारों की संख्या में लोग महाआरती के के साक्षी बने। एक स्वर में स्वच्छता का संकल्प लिया। सभी ने शपथ ली कि संस्कारधानी ही नहीं अपितु अंचल के हर प्राणि को अपने शीतल जल से तृप्ति प्रदान कर रहीं मां नर्मदा के जल की शुचिता के लिए आजीवन प्रयास करेंगे। इस अवसर पर पंडित रामसंकोची गौतम, जनार्दन शुक्ला, अखिलेश त्रिपाठी, संजय मिश्रा, शैलेंद्र तिवारी ने स्वस्तिवाचन में स्वर दिया।
नौका दौड़ ने घोला रोमांच
कार्यक्रम की श्रंखला का शुभारंभ नौका दौड़ के साथ हुआ। नर्मदा की लहरों पर अठखेलियां करते हुए नावों को दौड़ाते नाविकों के अंदाज ने लोगों को रोमांचित कर दिया। बच्चों ने ही नहीं युवाओं और बुजुर्गों ने भी इसका जमकर लुत्फ उठाया। रह-रहकर तालियां गूंजती रहीं। नाविकों ने नौकाओं को दुल्हन की तरह सजाया था। प्रतियोगिता में जितेन्द्र बर्मन, छोटू बर्मन, अन्नू बर्मन, संदीप बर्मन, मुकेश बर्मन और उनके साथियों ने भाग लिया। इनके जौहर ने साल की पहली शाम को यादगार बना दिया। नौका दौड़ प्रतियोगिता के विजेता अन्नू बर्मन रहे। दूसरा और तीसरा स्थान क्रमश: मोहित और रज्जू बर्मन ने प्राप्त किया।
दुबे का हुआ सम्मान
कार्यक्रम में नर्मदा के उमाघाट में हरकी पोंडी की तर्ज पर महाआरती के शुभारंभ की नीवं रखने वाले पं. ओकार दुबे को सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने मां नर्मदा के प्रति उनके कृतित्व को अनुकरणीय निरूपित किया। इस अवसर पर स्वामी चैतन्यानंद, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी, स्वामी रामकेशवानंद, स्वामी सुदर्शन दास, महापौर डॉ. स्वाति गोडबोले, विधायक अशोक रोहाणी, विधायक अंचल सोनकर, मेयर इन काउंसिल के सदस्य श्रीराम शुक्ला, ठाड़ेश्वर महावर, समर्थ तिवारी, विजय मोहन पलहा, पूर्व पार्षद मनीष दुबे समेत अन्य गणमान्य जन शामिल रहे।
यादों में बस गई शाम
महाआरती और पूर्णिमा को लेकर तट पर मेले जैसा माहौल था। मां नर्मदा के शीतल जल में स्नान और दान के दौर के बीच जैसे ही पत्रिका का आयोजन शुरू हुआ, लोगों के कदम ठिठक गए। हालात ये बने कि उमाघाट पर पैर रखने की तक जगह नहीं बची। महाआरती में आयीं दमोहनाका निवासी सुशीला पांडेय व प्रिया ने कहा कि पत्रिका का आयोजन अद्भुत और अविस्मरणीय रहा। खुशबू गुप्ता व फाल्गुनी ने कहा कि नौका दौड़ का रोमांच और दीपों का दान हमेशा याद रहेगा। अपने रिश्तेदार के यहां दिल्ली से आई रितिका भटनागर और आश्विका ने कहा कि ऐसा नजारा जीवन में पहले कभी नहीं देखा। यह आयोजन सदा के लिए आंखों में बस गया। अधारताल निवासी रेणुका खत्री व घमापुर निवासी यशस्वी गोस्वामी ने कहा कि पत्रिका को तहेदिल से धन्यवाद जिसकी वजह से इतने शानदार कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला। लोगों ने कहा कि इस तरह के आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए।