आपने अलग अलग किस्म के लडडू खाए और देखे होंगे लेकिन 1111 किलो का विशालकाय लडडू को आपने शायद की चखा और देखा होगा। संस्कारधानी जबलपुर मे एक ऐसा ही अनोखा प्रयास कुछ हनुमान भक्त कर रहे है। 1111 किलो का विशाल लडडू कैसा होगा इसका एक प्रतीकात्मक ढांचा जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल मे बनाया गया था जो अब दर्शन के लिए प्राचीन पचमठा मंदिर मे रखा गया है।
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खास बात ये है कि बेसन से बनने वाले मगज के लडडू को इतनी बड़ी मात्रा और आकार मे बनाने का प्रयास अब तक नही हो पाया है। ये पहली दफा होगा जब पूरे भारत या फिर विश्व मे इस प्रकार का प्रयास हो रहा हो। हनुमान जयंति इस साल 8 अप्रैल को मनाई जाने वाली है और इस लडडू को बनाने के लिए विशेष तौर पर ग्वालियर से कारीगर आऐगे जो 10 दिन पूर्व से इसकी शुरूआत करेंगे।
शहर के प्राचीन पचमठा मंदिर ने हनुमान जयंति पर हर बार विशेष आयोजन होते रहे है लेकिन इस बार 1111 किलो लडडू का महाप्रसादम अपने आप मे खास है। इस महाप्रसादम को एक रिकाॅर्ड मे दर्ज कराने का प्रयास किया जाएगा जिसके लिए टीम को भी बुलाया गया है।
पहले 11 हजार किलो का बनना था
जानकारी के मुताबिक पहले इस लड्डू को 11 हजार किलो का बनाया जाना था लेकिन पूरे विश्व में चल रहा है, कोरोना वायरस के खतरे को लेकर हनुमान जन्मोत्सव वाले कार्यक्रम को संशोधित किया गया है | हनुमान मंदिर सेवा समिति के 20 वर्ष पूर्ण होने पर महा लड्डू प्रसादम 11000 किलो महालड्डू प्रसादम” अब 11 सौ 11 किलो ‘ किया गया है | महा लड्डू प्रशादम दर्शन 5 अप्रैल से 8 अप्रैल तक होंगे एवं प्रसाद वितरण 8 अप्रैल रात्रि 10 बजे से अनवरत होगा।