स्टेट जीएसटी मुख्यालय के इनपुट के आधार पर ब्यूरो ने गुरुवार शाम नर्मदा रोड पर संचालित रियल एस्टेट फर्म कल्याणिका प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्रमोटर्स और खन्ना प्रॉपर्टी एंड डेवलपर्स पर धारा 67(2) के तहत कार्रवाई शुरू की। स्टेट जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर डॉ. नवीन धुर्वे ने बताया कि दोनों फर्मों के लिए दो अलग-अलग टीमों संयुक्त आयुक्त गणेश सिंह कंवर ने बनाई थीं।
सहायक आयुक्त रवींद्र सनोडिया के साथ टीम ने कल्याणिका प्रमोटर्स कार्यालय की जांच की। दस्तावेजों की जांच करने पर पता चला कि कल्याणिका प्रमोटर्स का हाउसिंग प्रोजेक्ट वर्ष 2015 से शुरू हुआ। वर्ष 2021-22 में प्रोंजेक्ट का कंप्लीशन हुआ है। फर्म ने खुद की जमीन पर आवासीय कॉलोनी एवं प्लॉटिंग का काम किया। फर्म की तरफ से वित्तीय वर्ष 2019-20 में ओल्ड रिजीम स्कीम में रहना स्वीकार किया गया था।
फर्म ने गलती स्वीकारी फर्म को वर्ष 2017-18 से कंप्लीशन तक इनपुट टैक्स क्रेडिट की गणना बिना बुक अपार्टमेंट पर शेष कारपेट के अनुपात में नियम-42 के प्रावधानों के तहत करके इनपुट टैक्स क्रेडिट रिवर्स करना था। लेकिन, टैक्स के विवरण पत्रों में ऐसा नहीं किया गया। इस गलती को फर्म ने स्वीकार कर लिया है। इसलिए एक करोड 8 लाख रुपए जमा कराए गए। इसमें 54 लाख नकद एवं इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में 54 लाख 22 हजार रुपए जमा कराए गए।