संयम रखें
बच्चों की परवरिश तभी अच्छे ढंग से हो सकती है जब आप उनके साथ धैर्य के साथ पेश आएंगे। बच्चों को गलती सुधारने का मौका देना चाहिए और उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करें।
पॉजिटिव सोच जरूरी
बच्चों को पढ़ाई, लिखाई, स्पोर्ट्स या अन्य एक्टिविटी में बढ़ाने के लिए गुड पेरेंटिंग और पॉजिटिव एटिट्यूड जरूरी होती है। इसी बात पर निर्भर करता है कि बच्चा कितनी जल्दी किसी चीज को सीखेगा। बच्चों के परवरिश के लिए पॉजिटिव नजरियां बहुत जरूरी है। इसका फायदा बच्चे के साथ पैरेंट्स को भी होगा, उनकी टेंशन कम होगी। हैप्पी फीलिंग के साथ बच्चों को ट्रीट करेंगे और उसे मोटिवेट करेंगे।
बच्चे पीछे रहें तो उन्हें मोटिवेट करें
बच्चे किसी चीज में पीछे रहते हैं तो पैरेंट्स परेशान होने लगते हैं। इस बात ये चिंता होने लगती है कि वे अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करने लगते है। इससे उनके बच्चे पर मानसिक दबाव बढ़ जाता है और पैरेंट्स भी खुश नहीं रह पाते। कम्पेरिजन से बच्चों के मन में नेगेटिव भावनाएं उत्पन्न होने लगती है और वह अपने आप को दूसरों से कम समझने लगते हैं।
पॉजिटिव हो एटीट्यूड
पैरेंट्स अक्सर यही सोचते हैं कि अगर वह अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चे से करेंगे तो वह जल्द चीजों को सीखेंगे, लेकिन यह बात बिल्कुल गलत है। बल्कि बच्चे का भविष्य पैरेंट्स के गुड पेरेंटिंग और पॉजिटिव ऐटिट्यूड पर निर्भर करता है। इसलिए बच्चों को हेल्दी कॉम्पिटीशियन के लिए मोटिवेट करें न कि कम्पेरिजन कर उसे भटकाएं।
रचना सिंह, मनोविज्ञानी
बच्चों पर करें भरोसा
अपने बच्चे से भरोसे का रिश्ता बनाएं रखना जरूरी है। यही भरोसा बच्चे को गलत रास्ते पर जाने से रोकेगा। साथ ही उसकी छोटी छोटी उपलब्धियों, अच्छे काम और व्यवहार पर प्रशंसा करें, इससे उसके मन में खुद के प्रति विश्वास जागता है। वो पैरेंट्स से दूरी बनाने की अपेक्षा नजदीक बने रहने का प्रयास करेगा।
रानू शर्मा, समाजसेवी