ओएफके में 18 नवंबर को मतदान
ओएफके में 18 नवंबर को कार्यसमिति के लिए मतदान होने जा रहा है। इसके िलए निर्माणी के प्रमुख कर्मचारी यूनियनें जोर आजमाइश में लगे हैं। इस बार लेबर यूनियन और इंटक एक साथ हैं। दोनों का संयुक्त चिन्ह जारी किया गया है। इसी संयुक्त सिंबल पर विवाद खड़ा हो गया है। इस चुनाव चिन्ह में एक हाथ को मशाल थामे हुए दिखाया गया है। गायत्री परिवार के पदाधिकारियों का कहना है कि उनका अधिकृत सिंबल चुनाव चिन्ह बना लिया गया है। गौरतलब है कि गायत्री परिवार के चिन्ह में भी हाथ थामे हुए मशाल है और इसके ठीक नीचे सर्किल में अनुयाइयों की भीड़ नजर आती है।
कोर्ट में जाने की चेतावनी दी
गायत्री परिवार के पदाधिकारियों का कहना है कि संस्था के सिम्बल का उपयोग करने का अधिकार न किसी राजनैतिक पार्टी को है और ही किसी ट्रेड यूनियन को। संस्था के सचिव राममनोहर वर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उनके सिंबल का किसी भी तरह से ऐसा दुरुपयोग नहीं किया जा सकता। इधर इंटक के पदाधिकारियों का कहना है कि यह चुनाव चिन्ह सालों से चल रहा है। हम खुद भी गायत्री परिवार के समथर्क हैं। गायत्री परिवार के साथ हमारी कोई प्रतिस्पर्धा है ही नहीं। इस चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर कोर्ट में जाने की बात पर इंटक पदाधिकारियों ने कहा कि गायत्री परिवार के पदाधिकारियों को कोई बहका रहा है, वे मामला बैठकर सुलझा लेंगे।