जबलपुर

कनाडा की कंपनी जबलपुर में उगाएगी गांजा अफीम, 14 सौ करोड़ का करेगी निवेश

कनाडा की कंपनी जबलपुर में उगाएगी गांजा अफीम, 14 सौ करोड़ का करेगी निवेश
 

जबलपुरMar 09, 2020 / 12:28 pm

Lalit kostha

कनाडा की कंपनी जबलपुर में उगाएगी गांजा अफीम

ज्ञानी रजक@जबलपुर। कनाडा की अंतरराष्ट्रीय दवा निर्माता कंपनी जबलपुर में बड़ी प्रोसेसिंग यूनिट लगाएगी। यह कंपनी दवा के लिए अफीम एवं गांजा के पौधों की खेती के साथ उसकी प्रोसेसिंग करेगी। तैयार माल का इस्तेमाल दवा निर्माण के लिए किया जाएगा। 14 सौ करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के लिए जिला प्रशासन के द्वारा बरगी के पास लगभग 20 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। यूनिटी की स्थापना से क्षेत्र के लोगों ढाई हजार से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

फैक्ट फाइल
– 20 एकड़ जगह में स्थापित होगी प्रोसेंसिंग यूनिट।
– 600 प्रत्यक्ष एवं 2 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार।
– प्रोसेसिंग यूनिट के साथ होगी पौधों की खेती।
– एफडीआई के जरिए निवेश करेगी क ंपनी।
– कंपनी जल्द शुरू करेगी आगे की प्रक्रिया ।

राज्य सरकार ने इस कंपनी को जबलपुर में निवेश के लिए मंजूरी दी है। कंपनी के प्रतिनिधि अपनी योजना के संबंध में हाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिले थे। इसी आधार पर शासन के द्वारा जिला प्रशासन को जमीन चिन्हित करने के निर्देश भी दिए हैं। कंपनी ने अपनी योजना से जुड़ा मांग पत्र भी प्रशासन को सौंपा है। इसी आधार पर प्रशासन ने बरगी डैम के समीप समाधि रोड़ पर जमीन चिन्हित की है। कंपनी से यहां जरुरी अधोसंरचना की मांग की है।

 

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एफडीआई के जरिए होगा निवेश
कनाडा की कंपनी इंडसकेन सौ फीसदी एफडीआई के जरिए निवेश करेगी। कंपनी की तरफ से शासन को आश्वस्त किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार गांजा के पौधों की खेती के साथ ही दवा निर्माण के लिए उसकी प्रोसेसिंग करेगी। इस संबंध में कंपनी ने काउंसिल फोर साइटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) के साथ तकनीकी अनुबंध किया गया है। यही नहीं अपने लाभ की पांच फीसदी राशि का उपयोग सीएसआर के रूप में करेगी।

मनोविकार की दवा का निर्माण
गांजा पौधों से औषधि (मेडिसिन) भी तैयार की जाती है। जानकारों ने बताया कि इसे चिकित्सा क्षेत्र में जड़ी बूटी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इससे मानसिक विकारों को दूर करने की दवा का निर्माण किया जाता है। इसी प्रकार कैंसर और एचआइवी और एड्स से ग्रसित मरीजों के रोग के लिए इसका इस्तेमाल होता है। कैंसर रोगियों को कीमोथैरपी के वक्त मतली एवं उल्टी को कम करने के अलावा एड्स रोगियों को भूख बढ़ाने के लिए बनाई जाने वाली दवा में भी इसका अंश होता है। लेकिन इसे तैयार करने की विशेष प्रक्रिया होती है।

 

Ganja smuggler caught police in khandwa
IMAGE CREDIT: patrika

15 छोटी-बड़ी प्रोसेसिंग यूनिट
कपंनी की योजना के मुताबिक करीब 15 यूनिट लगाई जाएंगी। यह पूरी तरह कवर्ड होगी। ताकि इसका दुष्प्रभाव आसपास के पर्यावरण के साथ ही रहवासियों को न हो। इसमें गांजा एवं अफीम के पौधों के फूल, पत्ती से लेकर जड़ तक की अलग-अलग प्रोसेसिंग की जाएगी। 20 एकड़ जमीन के कुछ भाग पर औषधीय पौधे की खेती की जाएगी।

 

शासन के निर्देश पर कनाडा की कंपनी इंडसकेन के लिए बरगी के समीप करीब 20 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। कंपनी मेडिकल कैनबिस प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहती है। कंपनी की अनुसार जरुरी सुविधाओं के लिए अधिकारियो को निर्देशित किया गया है। इस यूनिट से जिले में बड़े निवेश के साथ रोजगार सृजन भी होगा।
– भरत यादव, कलेक्टर

 

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