जबलपुर। वैसे तो चांद को देखना तो सभी को अच्छा लगता है। लेकिन इस चांद को देखना हानिकारक भी होता है। शायद ये बात सुनने में अटपटी लगे किन्तु ये सच है। शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चाँद का दीदार सुबह नहीं मन जाता है। 25 अगस्त शुक्रवार से गणेश उत्सव बड़े ही धूमधाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाएगा, इस साल बप्पा आपके घर पूरे 11 दिनों के लिए आएंगे। आज हम आपको अपनी खबर के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि गणेश चर्तुथी पर चंद्रमा क्यों नहीं देखना चाहिए।
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गणेशोत्सव 25 अगस्त से 5 सितंबर तक चलेगा, 31 अगस्त और 1 सितंबर दोनों ही दिन दशमी होने के कारण इस साल बप्पा आपके घर 10 नहीं बल्कि 11 दिनों के लिए आ रहे हैं। एक विशेष बात जो आपको ध्यान रखनी चाहिए और वो ये है कि गणेश चर्तुथी के दिन भी आप चंद्र दर्शन न करें, ऐसा करने से आपके ऊपर बड़ा कलंक लग सकता है।
चर्तुथी पर चंद्रमा को न देखने के पीछे की कहानी-
एक दिन गणेश जी चूहे की सवारी करते हुए गिर गए उन्हें देख चंद्र हंसने लगा। हंसी उड़ाते हुए गणपति जी को बहुत गुस्सा आया और फिर उन्होंने चंद्र को श्राप दिया कि अब तुम्हें कोई देखना पसंद नहीं करेगा। गणपति जी ने कहा कि जो तुम्हें देखेगा वो कलंकित हो जाएगा, बप्पा की इस बात से चंद्र बेहद दुखी हो गए। श्राप मिलने के बाद सभी देवताओं ने गणपति जी का आवाह्न किया। गणपति जी ने प्रसन्न होते हुए कहा कि वरदान मांगे। उस वक्त देवताओं ने गणपति जी से कहा कि आप चंद्रमा को श्राप से मुक्त कर दो।
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ऐसे में गणपति जी ने कहा कि मैं श्राप को वापस तो ले नहीं सकता लेकिन इसमें बदलाव जरूर कर सकता हूं। गणपति जी ने कहा कि ये श्राप सिर्फ एक ही दिन मान्य रहेगा। इसी कारण कहते हैं कि गलती से भी इस दिन चंद्र के दर्शन नहीं करने चाहिए।