firecracker : सवालों में कारोबार नवीनीकरण की फाइल अटकी
जानकारी के अनुसार शहर में 60 पटाखा कारोबारियों को थोक विक्रय का लाइसेंस जारी किया गया था। ये दुकानदार सालभर व्यापार कर सकते हैं। दिवाली से पहले लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले जिला प्रशासन ने दुकानों की जांच कराई थी, इनमें कई खामियां पाई गई। नोटिस जारी कर घटना-दुर्घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण नवीनीकरण नहीं हुआ।firecracker : दो प्रकार के लाइसेंस
पटाखा कारोबार के लिए दो प्रकार के लाइसेंस जारी किए जाते हैं। इनमें एक स्थाई और एक अस्थाई। अस्थाई दुकानों के लिए लाइसेंस का वितरण एसडीएम कार्यालय से होता है। वहीं बारहमासी यानी पूरे समय पटाखा की बिक्री करने वाले दुकानों को कलेक्टर कार्यालय से लाइसेंस दिए जाते हैं। फिलहाल कोई नया लाइसेंस स्थाई और अस्थाई जारी नहीं किया गया है। जितने लाइसेंसधारी हैं, उनके लाइसेंस ही नवीनीकरण होना है। जो विवाद में फंस गया है।firecracker : दुकानें अवैध
प्रशासन की ओर से लाइसेंस नवीनीकरण नहीं होने के कारण सभी दुकानें अवैध हो गई हैं। उन्हें क्रय-विक्रय की अनुमति नहीं है। पर कारोबार जारी रहने से सवाल खडे़ हो रहे हैं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि बिना लाइसेंस पटाखा विक्रय पर कार्रवाई होगी।firecracker : नियमों का नहीं हो रहा पालन
शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा स्थाई लाइसेंसधारी पटाखा कारोबारी कठौंदा पटाखा बाजार में हैं। यहां पर 41 दुकानें हैं। इसी प्रकार रांझी, सिहोरा, शहपुरा, पनागर, गोरखपुर और दूसरी जगहों पर बाहरमासी लाइसेंसधारी हैं। इन सभी को मार्च महीने में अपने लाइसेंस का नवीनीकरण करवाना पड़ता है। लेकिन जिला प्रशासन ने इस पर इसलिए रोक लगा रखी है कि उन्होंने तय नियमों का पालन नहीं किया। firecracker : स्थाई पटाखा दुकानदारों की जांच की गई थी। जांच में गडबड़ियां सामने आईं थी। इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया था। साथ ही लाइसेंस का नवीनीकरण भी नहीं किया गया। यदि वे खुली है तो इस संबंध में कार्रवाई संबंधित एसडीएम को करनी है।
- शिवांगी जोशी, डिप्टी कलेक्टर