जबलपुर

नकली रेमडेसिविर में बड़ा खुलासा, मोखा ने फर्जी आइडी के जरिए इंदौर से मंगवाए थे इंजेक्शन

नकली रेमडेसिविर में बड़ा खुलासा, मोखा ने फर्जी आइडी के जरिए इंदौर से मंगवाए थे इंजेक्शन
 

जबलपुरMay 16, 2021 / 01:07 pm

Lalit kostha

रेमडेसिविर इंजेक्शऩ

जबलपुर। गुजरात के सूरत में बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाने के मामले के मुख्य आरोपी सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने इंदौर से इंजेक्शन की खेप बुलवाने के लिए फर्जी आइडी का उपयोग किया था। मोखा के कहने पर ही यह पूरा खेल हुआ। अम्बे ट्रेवल्स में उसी फर्जी आइडी के माध्यम से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन डिलेवर किए गए। इस खुलासे के बाद अब एसआइटी वह आइडी तलाशने में जुट गई है, जिसका उपयोग किया गया था। पुलिस रिमांड पर लिए गए अस्पताल के फार्मसिस्ट देवेश चौरसिया से भी एसआइटी ने सुबह से देर शाम तक पूछताछ की। देवेश ने भी पूछताछ के दौरान रेमडेसिविर से जुड़े कई राज पुलिस के सामने खोले हैं।

पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिए सिटी अस्पताल के फार्मसिस्ट देवेश समेत दो अन्य से घंटों पूछताछ

देवेश को शनिवार सुबह जेल से लाई पुलिस
मामले में प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस ने देवेश के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की थी। उसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। शुक्रवार को पुलिस ने न्यायालय में अपील कर उसकी पुलिस रिमांड मांगी। न्यायालय ने देवेश को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा। रिमांड मिलने के बाद एसआइटी शनिवार सुबह नेताजी सुभाषचन्द्र बोस केंद्रीय कारागार पहुंची और देवेश को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लाई।

 

पूछताछ के जरिए राज उगलवाने की कोशिश
शनिवार को एसआइटी ने फिर से अस्पताल की मैनेजर सोनिया और अभिषेक को बुलाया। उनसे लगभग छह घंटे तक अलग-अलग टीमों ने पूछताछ की। पूछताछ के जरिए एसआइटी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से जुड़े अन्य राज उगलवाने की कोशिश करती रही। हालांकि सूत्रों की माने तो मैनेजर सोनिया और अभिषेक के बयानों के बाद पुलिस को इस मामले में कुछ अहम सुराग मिले हैं।

एसआईटी ने देवेश से पूछताछ के दौरान यह पता लगाने का प्रयास किया कि आखिरकार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपयोग की जाने वाली शीशियों को कहां नष्ट किया जाता था। देवेश ने इस सम्बंध में भी कुछ जानकारियां एसआइटी को दी हैं।

मोखा के खिलाफ चार और शिकायतें पहुंची
सिटी अस्पताल प्रबंधन और सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ शनिवार को फिर से चार और शिकायतें एसआइटी के पास पहुंची। इन सभी शिकायकर्ताओं के एसआइटी ने बयान दर्ज किए और उनसे मृत मरीजों के दस्तावेज भी लिए। पुलिस अब अस्पताल से मिले रिकॉर्ड और मृत मरीजों के परिजन से मिले रिकॉर्ड भी सीज किए हैं। एसआइटी की टीम सिटी अस्पताल में दवाओं और उपकरणों की असल कीमत और मरीजों से लिए गए मुनाफे की भी जांच कर रही है। इसके लिए पुलिस ने अस्पतला के एकांउट विभाग से कई सारे दस्तावेज जब्त किए।


सिटी अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। देवेश से भी विभिन्न बिंदुओं पर पूछताछ की गई। दस्तावेजों को भी लगातार खंगाला जा रहा है।
– रोहित काशवानी, आइपीएस, एसआइटी प्रभारी

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