fake IAS : खुद को आइएएस अधिकारी बताकर बलात्कार के मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त किए जाने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे आरोपी की मुश्किल बढ़ गई है। उसका दावा फर्जी निकला है। गुरुवार को हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ के समक्ष हुई सुनवाई में सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट में बताया गया कि याचिकाकर्ता का चयन सिविल सेवा के लिए नहीं हुआ है। एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।
fake IAS : नरसिंहपुर में कोचिंग क्लास चलाता था
याचिकाकर्ता नरसिंहपुर निवासी वीर सिंह राजपूत के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि वह नरसिंहपुर में कोचिंग क्लास चलाता था। उसके यहां पढऩे आने वाली एक छात्रा को झांसा दिया कि 2019 में उसका यूपीएससी में चयन हो गया है और जम्मू-कश्मीर कॉडर आवंटित किया गया है। छात्रा से शादी का वादा करके उसने बलात्कार किया। दूसरी जगह शादी करने की तैयारी में था, तब छात्रा ने पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि उसका यूपीएससी में चयन नहीं हुआ है और फर्जीवाड़ा कर रहा है। छात्रा की शिकायत पर उस बलात्कार का मामला दर्ज किया गया।
fake IAS : हाईकोर्ट में कॅरियर की दुहाई
बलात्कार की एफआइआर रद्द करने की मांग करते हुए वीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उसने कुछ दस्तावेज पेश करते हुए दावा किया वह आइपीएस अधिकारी है और बलात्कार का मामला नहीं रद्द किया जाता तो उसका कॅरियर बर्बाद हो जाएगा। हाईकोर्ट ने उसके द्वारा पेश दस्तावेजों की जांच के आदेश सरकार को दिए थे। नरसिंहपुर से लेकर भोपाल और यूपीएससी मुख्यालय तक 2019 के बैच के यूपीएससी चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांचे गए तो वीर सिंह के नाम और उसके दावे के अनुसार किसी तरह के दस्तावेज नहीं मिले। उसके फर्जी दावे संबंधी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी गई है।
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