जबलपुर

Fact Check : क्या पेट के कीड़े मारने वाली ये दवा कोरोना के इलाज में हुई है कारगर, जानिए सच

जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पेट के कीड़े मारने वाली आइवरमेक्टिन दवा से कोरोना वायरस को नष्ट करने का दावा इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है।

जबलपुरJul 27, 2020 / 09:47 pm

Faiz

Fact Check : क्या पेट के कीड़े मारने वाली ये दवा कोरोना के इलाज में हुई है कारगर, जानिए सच

जबलपुर/ दुनियाभर में कोरोना वायरस तेजी से अपने पाव पसार रहा है। एक तरफ जहां विश्व के कई देश कोरोना से निपटने के लिए इसके टीके की खोज में जुटा है, वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पेट के कीड़े (कृमि) मारने वाली आइवरमेक्टिन दवा से कोरोना वायरस को नष्ट करने का दावा इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है। तो आइये जानते हैं, ऐसे वक्त में जब कोरोना का वैक्सीन या दवा बनाने में दुनियाभर के वैज्ञानिक और चिकितिसकों के हाथ खासी हैं, तब वाकई कोई पेट के कीड़े मारने वाली दवा कोरोना वायरस का मुकाबला करने में सक्षम है?

 

पढ़ें ये खास खबर- MP board 12th result : एक ही शहर के दो स्टूडेंट्स ने किया पूरे प्रदेश में टॉप, यहां देखें टॉपर्स की लिस्ट


कोरोना के 100 से अधिक संक्रमितों पर किया जा चुका है दवा का प्रयोग

दुनियाभर के शौधकर्ताओं और चिकित्सकों के लिए भी ये खबर काफी मायने रखती है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस दावे की पड़ताल करते हुए जब जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रबंधन से जुड़े एक चिकित्सक से चर्चा की गई तो सामने आया, क्योंकि अब तक संक्रमण का कोई पर्याप्त टीका या दवा नहीं बना है। ऐसे में चिकितिसक अपनी काबिलियत के अनुसार ही संक्रमण को नष्ट करने की सबस्टिट्यूट मेडिसिन का प्रयोग मरीजों पर कर रहे हैं। चिकित्सक के मुताबिक, अस्पताल में बीते दो माह से इस दवा का प्रयोग संक्रमितों पर किया जा रहा है। अब तक यहां 100 से अधिक मरीजों पर इस दवा का प्रयोग किया गया है, जो सौ फीसदी सफल भी रहा है।

 

पढ़ें ये खास खबर- तेजी से बढ़ रहे हैं ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ के मामले, इन लक्षणों से करें पहचान


वेंटिलेटर तक पहुंच चुके मरीज भी हो रहे स्वस्थ

दवा को लेकर ये दावा भी किया गया कि, इसे उन मरीजों को भी दिया गया, जो संक्रमण से अधिक ग्रस्त होकर वेंटीलेटर तक जा पहुंचे थे। हैरानी की बात ये है कि, इस दवा की मदद से वेंटिलेटर पर रखे गए मरीज भी स्वस्थ हुए हैं। मेडिकल कॉलेज की ट्रीटमेंट कमेटी की हरी झंडी के बाद इस दवा को कोरोना से संक्रमित हर एक मरीज को देने की तैयारी की जा रही है। चिकित्सकों के मुताबिक, ये दवा (आइवरमेक्टिन) फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से स्वीकृति प्राप्त है।

 

पढ़ें ये खास खबर- क्या कोई भी कर सकता है प्लाज्मा डोनेट? जानिए प्लाज्मा थेरेपी से जुड़ी ये जरूरी बातें

जरूरत के मुताबिक शुरु हुई खरीदी

बता दें कि, शहर में कोरोना संक्रमितों के उपचार के दौरान उपयोगी दवाओं की सूची में कुछ दिनों पूर्व आइवरमेक्टिन को शामिल किया गया है। प्रशासन ने भी जरूरत के अनुसार इस दवा की खरीदी शुरू कर दी है। चिकित्सकों के मुताबिक, कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के दौरान हाई फ्लो ऑक्सीजन, स्टेराइड, विटामिन सी व जिंक दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य लक्षणों के आधार पर दवा की संख्या व मात्रा को सुनिश्चित किया जा रहा है।

 

पढ़ें ये खास खबर- पाचन शक्ति बढ़ाकर लिवर की समस्या दूर करती हैं ये सामान्य चीजें, हर भारतीय किचन में रहती हैं मौजूद

प्रयोग के तौर पर दवा का किया जा रहा इस्तेमाल

मरीजों पर आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल ड्रग ट्रायल के तहत नहीं बल्कि प्रयोग के तौर पर किया गया, जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। पेट के कीड़े मारने वाली इस दवा को बीते दो महीने में 100 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों पर प्रयोग किया गया। वेंटीलेटर पर रखे गए कुछ मरीज भी स्वस्थ हुए हैं। मेडिकल की ट्रीटमेंट कमेटी ने भी दवा को मंजूरी दे दी है। इसके बाद कोरोना के सभी मरीजों को ये दी जाने लगी है। इससे बेहतर नतीजों की उम्मीद है।

Hindi News / Jabalpur / Fact Check : क्या पेट के कीड़े मारने वाली ये दवा कोरोना के इलाज में हुई है कारगर, जानिए सच

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.