इसलिए किया निर्माण तनकीकी विशेषज्ञों के अनुसार फेब्रीकेटेड वार्ड बनाने से अस्पताल भवन पर भार कम होगा। अस्पताल के पक्के भवन को विस्तार देते समय फेब्रीकेटेड वार्ड के स्ट्रक्चर को खोलकर दूसरे स्थान पर आसानी से शिट किया जा सकेगा। साथ ही बेड की तात्कालिक जरूरत भी पूरी हो जाएगी।
क्षमता से दोगुना मरीज आते हैं सभाग के सबसे बड़े महिला अस्पताल में मरीजों का बड़ा दबाव है। बेड क्षमता के मुकाबले यहां दोगुना मरीज आते हैं। प्रसव के बाद कई मरीजों को कई दिन तक भर्ती रखना पड़ता है। ऐसे में नए मरीज को लोर बेड पर भर्ती करना पड़ता है। इसे देखते हुए अस्पताल की छत पर सर्व सुविधायुक्त अत्याधुनिक फेब्रीकेटेड वार्ड बनाया गया है।
भर्ती हो सकेंगे ज्यादा मरीज रानी दुर्गावती अस्पताल की वर्तमान बेड क्षमता 122 है। नया वार्ड उपलब्ध होने पर बीस बेड और बढ़ जाएंगे। हालाकि अस्पताल में औसतन प्रतिदन 300-350 मरीज आते हैं। इनमें से सौ से ज्यादा मरीज पहली बार जांच या रुटीन जांच के लिए आती हैं। जबकि अन्य मरीजों को भर्ती करना होता है।
अस्पताल की बेड क्षमात बढ़ाने के लिए फेब्रीकेटेड वार्ड बनाया गया है। इलेक्ट्रिकल वर्क पूरा होने पर उसे अस्पताल को सौंप दिया जाएगा। वॉर्ड में 20 अतिरिक्त बेड उपलब्ध हो सकेंगे। डॉ. नीता पाराशर, अधीक्षक रानी दुर्गावती अस्पताल