यह भी होगा फायदा
इस फरमान के पीछे की एक और वजह लाइनमैनों और हेल्परों की निगरानी भी है। कई बार ऐसा होता है कि शिकायत आने के बाद भी लाइनमैन और हेल्पर तत्काल मौके पर नहीं पहुंचतें। अक्सर वे दूसरी जगह काम करने की बात कहकर उपभोक्ता या अफसरों को टालते हैं, लेकिन यदि अफसर रात में तैनात रहेंगें, तो उनकी भी निगरानी हो सकेगी और वे किसी भी शिकायत को टाल नहंी सकेंगें।
तो तत्काल हो सकेगा निपटारा
रात के वक्त यदि कहीं पेड़ गिर जाए या फिर तार टूट जाए, तो विद्युतकर्मी सुबह होने के बाद सुधार कार्य की बात कहते हैं। क्योंकि यह कार्य बिना बिजली बंद किए नहीं हो पाते। चूंकि अफसर रात में फील्ड पर नहीं होते, इसके चलते बिजली बंद नहीं होती और वहां फॉल्ट नहीं सुधरता। लेकिन यदि अफसर फील्ड पर रहेगें, तो बड़े फॉल्ट में तत्काल सब स्टेशन से उक्त इलाके की आपूर्ति बंद कराकर उस फॉल्ट को सुधारा जा सकता है।
यह है कर्मियों की शिफ्ट
रात 12.00 से सुबह 8.00 बजे तक- 54 कर्मचारी
सुबह 8.00 से शाम 4.00 बजे तक- 117 कर्मचारी
शाम 4.00 से रात 12.00 तक- 160 कर्मचारी
ये है स्थिति
– 3.10 लाख बिजली उपभोक्ता शहर में
– 800 से अधिक शिकायतें पहुंच रहीं रोज
बारिश में बढ़ी यह शिकायतें
– बिजली लाइनों पर पेड़ या डालियां गिरना
– बिजली लाइनें टूटना
– तारों में शार्ट सर्किट
– ट्रांसफार्मर का फ्यूज उडऩा
– ट्रांसफार्मर में शॉर्ट सर्किट से आग लगना
– बिजली लाइनों में शॉर्ट सर्किट
बारिश के दौरान शिकायतें बढ़ती हैं, इसके चलते अफसरों को भी फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए हैं।
– प्रकाश दुबे, सीई, जबलपुर संभाग