electricity power cut : यह है मोनोपोल टॉवर
मोनोपोल ट्रांसमिशन लाइन का फाउंडेशन सौ वर्ग फीट (10 बाय 10 फीट) में बन जाता है। निर्माण के बाद यह जगह और कम होकर पांच वर्ग फीट रह जाती है। जरूरत पडऩे पर इसकी ऊंचाई कम या ज्यादा की जा सकती है। ये 35 मीटर से 50 मीटर तक बढ़ाए और घटाए जा सकते है। इसे एक एक्सटेंशन के साथ एक बार में 15 मीटर और ऊपर किया जा सकता है।electricity power cut : विनोबा भावे सब स्टेशन से जुड़े इलाके
सिविल लाइंस, कलेक्ट्रेट, घमापुर, शीतलामाई, कांचघर, चुंगी चौकी, सिद्धबाबा, बर्न स्टैंडर्ड कम्पनी, कृष्णा कॉलोनी, समदडिय़ा कॉलोनी, समीक्षा टाउन, पुलिस लाइन, जीआरपी लाइन समेत अन्य।electricity power cut : इसलिए हो रहा उपयोग
नयागांव से हाईटेंशन लाइन न्यू कंचनपुर और वीकल फैक्ट्री से होकर विनोबा भावे सब स्टेशन तक बिछाई जानी है। न्यू कंचनपुर और रिछाई में अतिक्रमण के कारण सामान्य टॉवर के लिए जगह नहीं मिल रही थी। इसलिए ट्रांसमिशन कम्पनी के एमडी सुनील तिवारी ने दोनों स्थानों का निरीक्षण कर मोनोपोल टॉवर लगाने के निर्देश दिए।electricity power cut : चार गुना महंगा
ट्रांसमिशन कम्पनी वर्तमान में ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के लिए जिन पारम्परिक (सामान्य) टॉवरों का उपयोग करती है, उनकी कीमत मोनोपोल टॉवर के की तुलना में चार गुना कम होती है। सामान्य टॉवर की लागत 30 लाख रुपए और मोनोपोल की लागत डेढ़ करोड़ रुपए तक हो सकती है।electricity power cut : तीन करोड़ रुपए होंगे खर्च
शहर में पहली बार दो मोनोपोल टॉवर लगाए जा रहे हैं, जो नया गांव से विनोबा भावे सब स्टेशन तक 132 केवीए लाइन को जोड़ेंगे। इसमें तीन करोड़ रुपए खर्च होंगे। विनोबा भावे सब स्टेशन में दो हाईटेंशन सप्लाई लाइन से उपभोक्ताओं को फायदा होगा। सुनील तिवारी, एमडी, एमपी ट्रांसमिशन कम्पनी