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हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शहरा अश्विन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर महीने के दौरान आती है। भगवान राम ने 10 दिनों तक अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए रावण से युद्घ किया जिसमें वह पराजित हुआ। भगवान राम की यही जीत बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान अलग-अलग जगहों पर रामलीला और नाटकों का आयोजिन किया जाता है। विजयादशमी से ठीक 9 दिन पहले नवरात्रि का त्योहार होता है जिसमें लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शहरा अश्विन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर महीने के दौरान आती है। भगवान राम ने 10 दिनों तक अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए रावण से युद्घ किया जिसमें वह पराजित हुआ। भगवान राम की यही जीत बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान अलग-अलग जगहों पर रामलीला और नाटकों का आयोजिन किया जाता है। विजयादशमी से ठीक 9 दिन पहले नवरात्रि का त्योहार होता है जिसमें लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं।
garba girls – गरबा गर्ल्स की ये ड्रेसेस बना देंगी दीवाना, देखें वीडियो दशहरा दुर्गा पूजा के समारोह की समाप्ति का प्रतीक है, इस पर्व को भी बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में जाना जाता है। देवी दुर्गा ने लोगों की रक्षा के लिए महिषासुर नामक एक राक्षस का वध किया था, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा और देवी चामुंडेश्वरी की पूजा की जाती है। जिन्होंने लोगों की रक्षा के लिए महिषासुर और असुरों की सेना को चामुंडा की पहाड़ियों में युद्ध कर पराजित किया था।
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कब मनाया जाएगा दशहरे का त्योहार
इस साल ये त्योहार 30 सितंबर (शनिवार) को मनाया जाएगा. दशमी तिथि की शुरुआत 29 सितंबर रात 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 1 अक्टूबर रात 1 बजकर 35 मिनट तक रहेगी।
विजय मुहूर्त समय 2:08 बजे से दोपहर 2:55 बजे तक है।
अपराह्न पूजा समय 1:21 से 3:42 बजे तक है।
इस साल ये त्योहार 30 सितंबर (शनिवार) को मनाया जाएगा. दशमी तिथि की शुरुआत 29 सितंबर रात 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 1 अक्टूबर रात 1 बजकर 35 मिनट तक रहेगी।
विजय मुहूर्त समय 2:08 बजे से दोपहर 2:55 बजे तक है।
अपराह्न पूजा समय 1:21 से 3:42 बजे तक है।