बेची जाएंगी चुनरियां
वे चुनरी जो श्रद्धालुजन मातारानी को अर्पित करके चले जाते हैं वे बड़ी संख्या में इक_ी हो जाती हैं जबकि कई श्रद्धालु प्रसाद स्वरूप वे चुनरी प्राप्त करना चाहते हैं। एेसे में चढ़ाई गई चुनरी माता के आशीवाद के रूप में भक्तों को ही दे दी जाएंगी। मंदिर समिति ने यह फैसला लिया है। इन चुनरियों को मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा विक्रय किया जाएगा। ये निर्णय मंगलवार को हुई मंदिर समिति की बैठक में लिया गया।
लगेंगी टाइल्स
बैठक में कई और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। ये भी तय किया गया कि वाहन पार्र्किंग स्थल में टाइल्स लगाई जाएंगी। इसके अलावा आगामी नवरात्रि पर्व पर मंदिर परिसर में पेयजल व सफाई व्यवस्था, वाहन स्टैंड की नीलामी के संबंध में चर्चा हुई। बैठक में मंदिर समिति प्रमुख व भाजपा ग्रामीण अध्यक्ष शिव पटेल, एसडीएम नमो शिवाय अरजरिया, जनपद सीईओ मनोज सिंह शामिल हुए।
११ वीं सदी का है मंदिर
गौरतलब है कि माता त्रिपुरसुंदरी का यह मंदिर बहुत प्राचीन है और आसपास के क्षेत्र में सिद्ध स्थान के रूप में जाना जाता है। शहर से करीब १२ किमी दूर भेड़ाघाट रोड पर स्थित यह मंदिर ११ वीं सदी का माना जाता है।