पांच दिवसीय दीपोत्सव का शुभारम्भ 17 अक्टूबर धनतेरस से होगा। ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार धनतेरस की रात 2.12 बजे कन्या राशि के सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेंगे, जो शुभ है। तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं जो व्यापार, वाणिज्य और अन्न के प्रमुख ग्रह हैं। दीपावली पर लक्ष्मी और भगवान श्रीराम की पूजा के साथ तंत्र-मंत्र साधना भी होगी। रूप चतुर्दशी में आरोग्यता की पूजा होगी। जबकि भाई दूज पर बहनों से तिलक लगवाकर भाई मंगल कामना करेंगी।
धन-धान्य के विशेष संयोग
दीपावली में धन-धान्य के विशेष संयोग हैं। सूर्य की तुला संक्रांति में दीपोत्सव पर्व मनेगा तो दीपावाली की उदया तिथि में हस्त नक्षत्र है। ज्योतिर्विदों के अनुसार दोनों स्थितियां समृद्धि का ***** है। व्यापार सहित सभी के लिए बेहतर संयोग है। गुरुवार को पड़ रही दीपावली में लक्ष्मी नारायण का पूजन फलदायी होगा। इसके के लिए पूजन का निर्दिष्ट विधान का पालन करना होगा।
दिवाली के दिन सवा घंटे का हस्त नक्षत्र
आचार्य डॉ. सत्येन्द्र स्वरूप शास्त्री ने बताया कि हस्त नक्षत्र की दीपावली समृद्धि दायक मानी जाती है। गुरुवार सुबह 7.28 बजे तक हस्त नक्षत्र है। दीपावली के दिन लगभग सवा घंटे हस्त नक्षत्र है, फिर चित्रा नक्षत्र शुरू होगा। गुरुवार को दीपावली पड़ रही है। इस बार हल्दी या पीले रंग के अक्षत से चौक बनाकर दीप जलाना शुभ होगा। भगवती लक्ष्मी के साथ प्रभु श्रीराम के अवतार नारायण के पूजन का विशेष संयोग है।
पांच दिन का पर्व
17 अक्टूबर को धनतेरस
18 को रूप चर्तुदशी
19 को दीपावली
20 को गोवर्धन पूजा
21 को भाईदूज
धन-धान्य के विशेष संयोग
दीपावली में धन-धान्य के विशेष संयोग हैं। सूर्य की तुला संक्रांति में दीपोत्सव पर्व मनेगा तो दीपावाली की उदया तिथि में हस्त नक्षत्र है। ज्योतिर्विदों के अनुसार दोनों स्थितियां समृद्धि का ***** है। व्यापार सहित सभी के लिए बेहतर संयोग है। गुरुवार को पड़ रही दीपावली में लक्ष्मी नारायण का पूजन फलदायी होगा। इसके के लिए पूजन का निर्दिष्ट विधान का पालन करना होगा।
दिवाली के दिन सवा घंटे का हस्त नक्षत्र
आचार्य डॉ. सत्येन्द्र स्वरूप शास्त्री ने बताया कि हस्त नक्षत्र की दीपावली समृद्धि दायक मानी जाती है। गुरुवार सुबह 7.28 बजे तक हस्त नक्षत्र है। दीपावली के दिन लगभग सवा घंटे हस्त नक्षत्र है, फिर चित्रा नक्षत्र शुरू होगा। गुरुवार को दीपावली पड़ रही है। इस बार हल्दी या पीले रंग के अक्षत से चौक बनाकर दीप जलाना शुभ होगा। भगवती लक्ष्मी के साथ प्रभु श्रीराम के अवतार नारायण के पूजन का विशेष संयोग है।
पांच दिन का पर्व
17 अक्टूबर को धनतेरस
18 को रूप चर्तुदशी
19 को दीपावली
20 को गोवर्धन पूजा
21 को भाईदूज