नवार्ण मंत्र है सर्वोत्तम
दुर्गा माता की आराधना बच्चे-बड़े सभी करते हैं। अनेक लोग तांत्रिक प्रयोग करते हैं या कठिन साधनाएं करते हैं पर आम गृहस्थ ऐसी साधनाओं से दूर रहे तो ही उचित है। पंडित दीपक दीक्षित बताते हैं कि
ऐसी साधनाओं के लिए अनेक प्रतिबंधों का पालन करना पड़ता है विशेषकर बृह्मचर्य व्रत का, जोकि गृहस्थों के लिए संभव नहीं है। मां द्रुर्गा की कठिन साधना करनेवाले को तो साधना के दौरान किसी महिला के संपर्क तक में आने की मनाही रहती है। द्रुर्गा देवी की आराधना के लिए सभी के लिए एक बेहद आसान मंत्र है जिसे नवार्ण मंत्र कहा जाता है। यह मंत्र है- ऊं ऐं ह्री क्लीं चामुण्डाय विच्चै। अनेक लोग केवल ऐं ह्री क्लीं चामुण्डाय विच्चै- इसे ही पूरा मंत्र मानते हैं, ऊं नहीं लगाते। आप अपनी बुद्धि-विवेक के अनुसार इन दोनों में से किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। नवरात्र में इस मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें। मंत्र जाप के दौरान मां दुर्गा का ध्यान करते रहें। पूरी श्रद्धा , मनोयोग से किया गया यह मंत्र जाप जरूर फलीभूत होता है, यह बिल्कुल निश्चित है।
रुद्राक्ष माला से करें जाप
पंडित जनार्दन शुक्ला के अनुसार नवार्ण मंत्र के जाप में सावधानियां बरतना जरूरी हैं। मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला से करें । साफ-सफाइ का विशेष ध्यान रखें और प्रसन्न मन से जाप करें। जब मन में वेदना हो, कष्ट हो, मन भटक रहा हो तो पहले अपना मन स्थिर रखने की कोशिश करें, खुद को खुश रखने का प्रयास करें। दुख-दर्द दूर करने के लिए खुद को माता को समर्पित कर दें, जब मन हल्का हो जाए तब मंत्र जाप शुरु करें। नवरात्र में नवार्ण मंत्र के जाप शुरु कर हमेशा इस मंत्र का कम से कम एक माला जाप रोज जरूर करें। थोड़े दिनों बाद आप खुद महसूस करेंगे कि मां दुर्गा की कृपा से धीरे-धीरे आपका जीवन कैसे बदल रहा है।