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बीच बस्ती से गुजरते हैं वाहन
बरेला समेत बरगी, सिहोरा, मझगवां, शहपुरा, भेड़ाघाट, गोसलपुर, चरगवां और मझौली में तो आलम यह है कि भारी वाहन बीच बस्ती से निकलते हैं। आए दिन वहां लोग सड़क हादसों में जान गवांते हैें, लेकिन पुलिस वहां सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए जाते।
गोसलपुर हादसा भी अनदेखी का अंजाम
गोसलपुर में भी एक बेलबाग मिनी ट्रक ने एक दर्जन लोगों को रौंद दिया था, जिसमें से सात की मौत हो गई थी, वह भी इसी अनदेखी का हाल था।
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एंट्री प्वाइंट्स पर इसलिए खतरा
खमरिया- बस्ती, बाजार और आयुध निर्माणी खमरिया का रहवासी इलाका है। सुबह से रात तक शहर में फैक्ट्रीकर्मियों की आवाजाही रहती है।
कारण- इस प्वाइंट्स पर कई बार बड़े हादसे हो चुके हैं।
सालभर में हादसे- 50
महाराजपुर बाइपास – बाइपास के पास कई चाय-पान की दुकाने, ढाबे और अन्य प्रतिष्ठान है, जो सड़क से चिपके हैं। सड़क पर भी सुबह से शाम तक वाहन पार्क रहते हैं।
कारण- आए दिन यहां सड़क हादसे की घटनाएं होती हैं।
सालभर में हादसे- 80
तिलवारा पुल – तिलवारा पुल से शहर में प्रवेश के साथ ही बस्ती पड़ती है, अंधा मोड़ होने के बावजूद वाहन तेज रफ्तार में शहर में प्रवेश करते हैं।
कारण- कई बार अंधे मोड़ पर लोगों की जान जा चुकी हैं।
सालभर में हादसे- 30
अंधमूक चौराहा – चौराहे से लगे हुए ढाबे और होटल। सड़क से लगा हुआ अंधमूक विद्यालय और थोड़ी से आगे बस्ती व बड़े होटल हैं।
कारण- हाईवे है, ब्रिज का काम चल रहा है, सड़क भी सही नहीं है।
सालभर में हादसे- 85
माढ़ोताल – माढ़ोताल तिराहे से तीन रास्ते गुजरते हैं। बाइपास की आेर से आने वाले वाहनों की रफ्तार अधिक होती है, जो हादसों का कारण बनती है।
कारण- तीन मार्ग जुड़ते हैं, जिस कारण हादसे अधिक होते हैं।
सालभर में हादसे- 60
गौर पुल – गौर पुल के दोनों ओर बस्ती और बाजार है। बड़ा मार्केट होने के कारण भीड़ रहती है। हाईवे होन के कारण वाहनों की रफ्तार पर लगाम नहीं रहती।
कारण- सड़क संकरी व खराब है, जो हादसों का कारण बनती है।
सालभर में हादसे-24
यह होना चाहिए
– एंट्री प्वाइंट्स पर बेरीकेटिंग की जाए।
– स्टॉपर लगाए जाएं।
– जिग-जैक बनाए जाएं
– बड़े ब्रेकर बनाए जाएं
– सूचना पटल लगाए जाएं।