Dairy College : सरकार की नई चाल, डेयरी कॉलेज को NDDB के अधीन लाने की तैयारी
पशुपालन विभाग द्वारा की जा रही अंदरूनी तैयारियों से मामला संदिग्ध हो गया है। अब जबलपुर के जनप्रतिनिधियों व विभिन्न संगठनों के एकजुट होना होगा। इस मामले में प्रमुख सचिव के पास आपत्ति दर्ज की गई है।
Dairy College : जबलपुर में प्रस्तावित डेयरी साइंस व फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज को उज्जैन ले जाने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। राज्य सरकार और पशुपालन विभाग अब कॉलेज को वेटरनरी विवि से अलग कर एक अलग संस्थान राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत खोलने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन पशुपालन विभाग द्वारा की जा रही अंदरूनी तैयारियों से मामला संदिग्ध हो गया है। अब जबलपुर के जनप्रतिनिधियों व विभिन्न संगठनों के एकजुट होना होगा। इस मामले में प्रमुख सचिव के पास आपत्ति दर्ज की गई है।
Dairy College : पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव को दर्ज कराई आपत्ति
अब यह है प्रस्ताव जबलपुर में प्रस्तावित डेयरी साइंस एंड फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज को तत्कालीन कांग्रेस सरकार की कैबिनेट में स्वीकृति प्रदान की गई थी। उस समय वित्त मंत्री तरुण भनोत थे। उन्होंने इसके लिए बजट भी जारी कर दिया था। अब भाजपा सरकार इस निर्णय को नहीं मान रही है। वेटरनरी विवि के माध्यम से इसे उज्जैन में स्थापित करने डीपीआर बनवा ली गई। सूत्रों के अनुसार पशुपालन विभाग की बैठक में डेयरी साइंस कॉलेज को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड में लाने के लिए भी चर्चा की गई। यानी यह वेटरनरी विवि के अधीन नहीं रहेगा।
Dairy College : विवि को तोड़ने का प्रयास
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे ने कहा कि डेयरी साइंस कॉलेज को एनडीडीबी के अंतर्गत लाना एक तरह से विश्वविद्यालय के विखंडन की तरह है। यह एक तरह से सोची समझी साजिश है। वेटरनरी यूनिवर्सिटी के अधिनियम में स्पष्ट है कि पशुचिकित्सा, मत्स्यपालन तथा संबंधित विषयों पर शैक्षणिक कार्य इसी विश्वविद्यालय में होगा। मंच के रजत भार्गत, वेदप्रकाश अधीलिया, डीआर लखेरा, सुशीला कनौजिया आदि ने कहा कि प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग को पत्र लिखकर विरोध जताया गया है।
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