दो साल बाद कोरोना संक्रमण से राहत के बाद आई दिवाली पर इस बार जबलपुरवासियों को पटाखे फोड़ने में कुछ नियमों का पालन करना होगा। इस संबंध में प्रशासन की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। प्रशासन का कहना है कि, इस बार शहरवासियों को गाइडलाइन का पालन करते हुए पटाखे जलाने होंगे पाएंगे। साथ ही, इसमें कुछ पटाखों पर पाबंदी बी लगाई गई है। आदेश के अनुसार, इस बार दिवाली पर जबलपुर में कम आवाज के पटाखे ही फोड़े जा सकेंगे। प्रशासन ने 125 डेसिबल से अदिक आवाज करने वाले पटाखों को प्रतिबंधित किया है। गाइडलाइन में ये भी कहा गया है कि, शहर के साइलेंट जोन जैसे अस्पताल, शिक्षण संस्थान, न्यायालय और धार्मिक स्थलों के आसपास पटाखे जलाने पर प्रतिबंध होगा।
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बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए गाइडलाइन जारी
जानकारी के अनुसार, प्रशासन की ओर से दिवाली पर पटाखा फोड़ने की गाइडलाइन शहर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है। एक प्रशासनिक अदिकारी ने बताया कि, शहर में प्रदूषण स्तर ज्यादा है। ऐसे में उन पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जो अधिक ध्वनी या वायु प्रदूषित करेंगे। इसके साथ साथ आतिशबाजी की अनुमति 2 घंटे ही रहेगी। यानी रात 8 से 10 बजे के बीच ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे। इस निर्धारित समय के दौरान भी कम आवाज वाले पटाखे ही फोड़े जा सकेंगे।
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पटाखों की बिक्री और भंडारण पर भी दिशा निर्देश
वहीं, पटाखों की बिक्री और भंडारण को लेकर भी दिशा निर्देश दिए गए हैं। बिना लाइसेंस के व्यापारी पटाखों का कारोबार नहीं कर सकेंगे। ऑनलाइन पटाखों की बिक्री पर भी रोक रहेगी, जिन पटाखों को बनाने के लिए बेरियम साल्ट का उपयोग किया जाएगा उनकी बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। आदेश के अनुसार, अगर कोई गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए पकड़ाता है तो उसके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम और धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।