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परिजन ने लगाया हत्या का आरोप
बता दें कि, युवक को बीते 14 मई से मेडिकल कॉलेज में कोरोना संदिग्ध के तौर पर भर्ती था। बताया जा रहा है कि, उसे कोरोना से मौत की दहशत बैठ गई थी। हालांकि, मौत के कुछ घंटे बाद ही उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। दूसरी तरफ, मृतक के परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर हत्या का आरोप लगाते हुए मजिस्ट्रियल जांच की मांग की है।
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लगातार हो रही मौंत और मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं से था परेशान
शहर के गढ़ा थाना प्रभारी राकेश तिवारी के अनुसार, पाटन के मुड़िया नुनसर के रहने वाले 30 वर्षीय गणेश सिंह की तबियत गुजिश्ता 13 मई खराब हुई थी। बुखार आने पर परिजन ने संदेह में 14 मई को उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वार्ड नंबर तीन में भर्ती कराया था। यहां उसका कोरोना सैंपल भी जांच के लिए भेज दिया गया था। एक तरफ तो वो अपने लक्षणों को लेकर कोरोना के संदेह में था, तो वहीं दूसरी तरफ अस्पताल में लगातार हो रही कोविड मरीजों की मौत और मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं को देखकर परेशान था।
पूरे वार्ड में बिखरा मिला खून
गणेश सिंह ने रविवार रात को फल काटने वाले चाकू से अपना गला रेत लिया। गला कटने के बाद वो और भी घबरा गया। इसके बाद वो छटपटाते हुए पूरे वार्ड में दौड़ने लगा। इस वजह से खून से पूरा वार्ड भी सन गया। मरीज द्वारा की गई इस हरकत को देखते हुए वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों के बीच चीख-पुकार मच गई। चीखों की आवाज सुनकर अस्पताल की नर्स और वार्ड बॉय मोके पर पहुंचे। लेकिन, जब तक वो कुछ कर पाते युवक की मौत हो चुकी थी।
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मौत के बाद रिपोर्ट आई निगेटिव
मामले की जांच में जुटी गढ़ा पुलिस का कहना है कि, गणेश का सैंपल 15 मई को जांच के लिये भेजा गया था। 16 मई की रात जब तक उसकी रिपोर्ट आई उससे पहले ही उसने आत्म हत्या कर ली। हालांकि, गणेश की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है।
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परिजन ने की मजिस्ट्रियल जांच की मांग
किसानी का काम करने वाले गणेश के दो बच्चे हैं। राेते हुए उसके पिता देवी सिंह और बड़े पापा मदन सिंह ने आरोप लगाया, कि गणेश ने उन्हें कुछ देर पहले ही फोन करके अस्पताल से ले जाने को कहा था। उसने कहा था कि, उसे यहां से निकाल लो। उसने फोन पर कहा था कि, अस्पताल नहीं कसाईघर लग रहा है। परिजनों ने अस्पताल के एक डॉक्टर व वार्ड बॉय पर हत्या का आरोप लगाया है। साथ ही, मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराने की मांग की है।
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