प्रतिदिन 50-60 प्रकरण
जबलपुर. चुनाव ड्यूटी में असमर्थता को लेकर कर्मचारी प्रतिदिन कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं। इनमें हार्ट, कैंसर, डायबिटीज और घर में शादी के अलावा छोटे बच्चों का हवाला देकर 24 सौ आवेदन निर्वाचन कार्यालय को मिले हैं। सभी प्रकरणों में विचार के उपरांत जरूरतमंदों को राहत मिल रही है, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो कि ड्यूटी से बचने के लिए बहाना बना रहे हैं, उन्हें ड्यूटी करने की सलाह दी जा रही है।
900 से ज्यादा को मिली है राहत
अब तक निर्वाचन कार्यालय के पास जिले के हर श्रेणी के अधिकारी एवं कर्मचारियों के 24 सौ आवेदन आ चुके हैं। उसमें बीमारी व अन्य कारणों से 600 लोगों को राहत दी गई। इसी प्रकार कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जो कि चुनाव ड्यूटी में शामिल नहीं हैं। उन्होंने निर्वाचन कार्यालय से जरुरी कामों के लिए अवकाश का आवेदन दिया, उनमें 300 कर्मचारियों को अवकाश दिया गया है।
12 हजार कर्मचारी-अधिकारी की ड्यूटी
जिले में 19 अप्रेल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान है। इसमें 12 हजार अधिकारी एवं कर्मचारियों को मतदान दलों के साथ-साथ अलग-अलग प्रकार के दायित्व दिए गए हैं। इनमें कुछ ऐसे हैं जो कि किसी गंभीर किस्म की बीमारी से पीडि़त हैं। या घर में बेटी-बेटी तथा भाई-बहन की शादी है। कुछ ऐसे भी आवेदन भी आए हैं जिनमें बताया गया कि पति और पत्नि दोनों की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई हैं, जबकि उनके घर में छोटे बच्चे हैं। ऐसे मामलों में राहत भी दी जा रही है।
चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए जिन अधिकारी और कर्मचारियों ने आवेदन किए हैं, यदि वे उपयुक्त कारण बता रहे हैं तो राहत दी जा रही है। कोरोना पॉजीटिव की ओर से दिया गया आवेदन संज्ञान में नहीं आया है। जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर