ये है हार्ट ऑफ कंट्री
इंडिया का हार्ट ऑफ कंट्री है करौंदी। कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र मे विंध्याचल पर्वत श्रृंखलाओं की पहाडिय़ों के ढलान में स्थित है करौंदी ग्राम। यह गांव भारत के भौगोलिक क्षेत्र का केंद्र बिंदु माना जाता है। आजादी के बाद 1956 में डॉ. राममनोहर लोहिया की प्रेरणा से जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य एसपी चक्रवर्ती के नेतृत्व में अनुसंधान प्रारंभ हुआ था।
इसलिए खास है ये प्वाइंट
यह सेंटर प्वाइंट इसलिए खास महत्व रखता है क्योंकि यहां पर अंतरराष्ट्रीय आर्दश गांव बसाने की योजना थी। जहां दुनिया भर से आए लोग एकसाथ रह सकें। जमीन नहीं मिलने और दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव में यह सपना चकनाचूर हो गया। केंद्र बिंदु के नजदीक ही महर्षि वैदिक विश्वविद्यालय व ध्यान केंद्र भी है, जहां बड़ी संख्या में महर्षि महेश योगी के विदेशी अनुयायी आते हैं, जो भारत के भौगोलिक केंद्र का अवलोकन करने भी जाते हैं।
भौगौलिक केंद्र बदहाल
देश का भौगोलिक केंद्र बिंदु पर्यटन विभाग के टूरिस्ट मेगा सर्किट में शामिल है। जिसके तहत जबलपुर संभाग के अंतर्गत स्थित ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थलों का विकास किया जाना है। इसके लिए शासन ने कई करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इसके बाद भी यहां बना स्मारक बदहाली के आंसू बहा रहा रहा है।
एक नजर में हृदय स्थल
– 1956 में हुई थी सेंटर प्वाइंट की खोज
– 15 दिसम्बर 1987 को बनाया गया स्मारक
– अक्षांश स्थिति 23.30.48
– दिशांश स्थिति 80.19.53
– समुद्र तल से ऊंचाई 389.31 मीटर
– औसत वर्षा 45.50 इंच
ये भी हैं दार्शनिक
– 1 किमी दूरी पर पूर्व पीएम चंद्रशेखर का फार्म हाउस
– बर्तन और रजाई का कारखाना
– वन की आकर्षक छटा
– यहां पर बना तालाब
– प्रवेश द्वार
– सिंहों द्वारा की जा रही आगवानी
– पूर्व पीएम चंद्रशेखर का कबूतर खाना
– दरी और गलीचों का कारखाना
– विध्य पर्वत श्रृंखलाएं
ये है पहुंच मार्ग
कटनी जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद कटनी से एनएच 7 होते हुए स्लीमनाबाद पहुंचने के बाद उमरियापान मार्ग होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है। उमरियापान से 5 किलोमीटर ढीमरखेड़ा मार्ग चलने के बाद 2 किलोमीटर अंदर की ओर मार्ग जाता है जो केंद्र बिंदु तक पहुंचता है। दूसरा मार्ग उमरियापान से 1 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मिलता है बम्हनी गांव। यहां से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है देश का केंद्र बिंदु। वहीं तीसरा मार्ग बड़वारा क्षेत्र के विलायतकला से ढीमरखेड़ा पहुंचकर केंद्र बिंदु पहुंचा जा सकता है। वायु मार्ग से जबलपुर पहुंचने के बाद केंद्र बिंदु पहुंचा जा सकता है।