जिले में आईटी पार्क की टेक्नोपार्क बिल्डिंग के अलावा करीब 38 सेंटर शहर के अलग-अलग इलाकों में चल रहे हैं। बीपीओ या कॉल सेंटर चलाने वाली कंपनियों को प्रदेश एवं केंद्र सरकार से भी कई प्रकार के अनुदान मिलते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में रोजगार स्थापित करने वाले उद्यमियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इन जगहों पर हेल्थकेयर, बीमा, बैंकिंग, आईटी, साफ्टवेयर, उपभोक्ता वस्तुओं के लिए काम किया जाता है। इनमें टेक्नोपार्क बिल्डिंग में ही चल रहे पेटीएम और बिजली विभाग के कॉल सेंटर में 19 सौ युवाओं को रोजगार मिला हुआ है। ऐसे में शहर से युवाओं का पलायन भी कुछ हद तक रुका है।
सस्ता है, इसलिए आ रही कंपनियां
मौजूदा समय में छोटी एवं बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में अपन काम कर रही हैं। फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां भी कंपनियां भी अपना कॉल सेंटर एवं वेयर हाउस बनाने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं। इसकी एक बड़ी वजह शहर में चीजें किफायती दरों में मिलना है। जानकारों ने बताया कि बड़ी बीपीओ एवं कॉल सेंटर कंपनियों के लिए बड़े महानगरों में प्रति दिन चार हजार से पांच हजार प्रतिसीट खर्च करना पड़ता है। लेकिन यहां उन्हें 15 सौ रुपए प्रतिसीट खर्च पड़ रहा है। यहां पर बिजली, पानी, मकान का किराया अपेक्षाकृत कम देना पड़ता है।
यह है स्थिति
– जिले में 45 से ज्यादा बीपीओ-कॉलसेंटर का संचालन।
– टेक्नोपार्क बिल्डिंग में आठ कंपनियां कर रही हैं काम।
– बाकी का संचालन शहर के अलग-अलग इलाकों में।
– पांच हजार से ज्यादा युवाओं को मिला है रोजगार।
– 12 से 15 हजार रुपए तक मिलती है युवाओं को सेलरी।
– अमेरिका, चीन और दूसरे देशों की कंपनियों का काम।
यह है बीपीओ
बीपीओ यानी बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग। कुछ कंपनियां जो खुद किसी काम को नहीं कर सकतीं, वह उन्हें उस काम में विशेषज्ञता प्राप्त व्यक्तियों से करवाती हैं। इसका फायदा उस कंपनी को मिलता है। इससे कम लागत पर उसके बिजनेस से संबंधित काम पूरा जाता है। उसे दूसरे कामों के लिए समय मिल जाता है। आमतौर पर इन्हें बीपीओ और कॉलसेंटर कहा जाता है। देश में बड़े महानगरों में रोजगार के सबसे बड़े माध्यमों में एक है। पढ़े-लिखे युवा एवं युवतियों को इसमें जॉब मिलता है। लगभग सभी बीपीओं में अलग-अलग शिफ्ट में 24 घंटे काम चलता है।
टेक्नोपार्क बिल्डिंग में करीब 8 कंपनियां बीपीओ और कॉल सेंटर का संचालन कर रही हैं। शहर में भी 35 से अधिक छोटे एवं बड़े बीपीओ चल रहे हैं। कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भी ऐसे सेंटर स्थापित करने में रुचि दिखाई है।
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