नेशनल प्रतियोगिता जीती नेशनल बॉडी बिल्डर संजू ने कुछ दिनों पहले मप्र का प्रतिनिधित्व करते हुए बेंगलुरु में सम्पन्न हुई प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीता है। जिसके बाद उसका चयन जर्मनी में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में हुआ। संजू समय पर जर्मनी जाने के लिए पैसे एकत्रित नहीं कर पाया, जिससे वह चूक गया है।
ऑटो चलाकर शौक को जिंदा रखा
संजू के पिता मजदूर हैं और बड़ा भाई ऑटो चलाता है, वह भी एक जिम में बतौर ट्रेनर काम करता है और ऑटो चलाकर अपने शौक को जिंदा रखे हुए है। संजू का कहना है कि सालों की मेहनत पैसों के कारण बेकार हो गई है। हालांकि मेरे भाई, माता-पिता और कोच ने पैसों का इंतजाम करने का प्रयास किया लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।
नहीं मिल पाती है सरकारी मदद
बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिताएं सरकार की मान्यता प्राप्त खेल सूची में अभी शामिल नहीं है। जिसके चलते किसी प्रतियोगिता या खिलाड़ी को आर्थिक सहायता नहीं मिलती है। खिलाड़ी संजू लोधी द्वारा संगठन से कोई संपर्क नहीं किया गया है। इसलिए जनसहयोग से कोई मदद नहीं की जा सकी।
राकेश तिवारी, सचिव, मप्र एमेच्योर बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन