यह है मामला-
जिला पंचायत में आयोजित सामान्य सभा की बैठक में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। बैठक शुरू हुई तो एजेंडे के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा होने के पहले ही अध्यक्ष मनोरमा पटेल ने पनागर के रिठौरी गांव की आंगनबाड़ी में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) की व्यवस्था पर आई रिपोर्ट के लिए कुछ अधिकारियों पर लेन-देन आरोप लगाया। बैठक मेंं मौजूद अधिकारियों का आरोप है कि अध्यक्ष ने अपशब्द कहे, उनकी शब्दावली पर सीईओ हर्षिका सिंह ने आपत्ति जताई। जिसके बाद दोनों के बीच बहस होने लगी। विवाद बढ़ता देख बैठक में शामिल अधिकारियों ने दोनों को अलग कराया। सभी ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
सीईओ व सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे व कलेक्टर छवि भारद्वाज से मामले की शिकायत की। कलेक्टर ने कहा है कि मामले की लिखित शिकायत प्राप्त होने पर पूरी जांच कराई जाएगी। बैठक के वीडियो फु टेज की भी पड़ताल की जाएगी। सीईओ व अन्य विभागों के अधिकारियों ने मामले की शिकायत संभागायुक्त आशुतोष अवस्थी से भी की है।
इसलिए झगड़े
पनागर के रिठौरी गांव की आंगनबाड़ी के मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) में गड़बड़ी की अध्यक्ष ने सीईओ से शिकायत की थी। मामले की प्रशिक्षु आइएएस अंशुल गुप्ता व एनयूआरएलएम की टीम से जांच कराई गई। जांच में स्पष्ट हुआ महालक्ष्मी स्वसहायता समूह द्वारा बनाए गए एमडीएम की गुणवत्ता में कमी नहीं थी, बल्कि उस दिन बनाई गई दाल में जीरा की मात्रा ज्यादा थी। दूसरे स्वसहायता समूह को एमडीएम की व्यवस्था सौंपी गई। लेकिन समूह पर्याप्त एमडीएम की आपूर्ति नहीं कर सका। इस पर महालक्ष्मी समूह को फिर से जिम्मेदारी दे दी गई। इसके बाद गांव के कुछ लोगों ने नर्मदा स्व सहायता समूह बना लिया। अधिकारियों का आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष नर्मदा समूह को एमडीएम का काम देने दबाव बना रही थीं, जबकि समूह आवश्यक अहर्ता पूरी नहीं करता है।
जिला पंचायत अध्यक्ष करीबी के स्वसहायता समूह को एमडीएम का काम दिलाने कई दिनों से दबाव बना रही हैं। स्वसहायता समूह अहर्ता पूरी नहीं करता है। मामले की जानकारी पूर्व में वरिष्ठ अधिकारियों को दी थी।
– हर्षिका सिंह, सीइओ, जिला पंचायत